मुंबई
विशेष पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट ने मंगलवार को 30 साल के धार्मिक शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई है। शिक्षक पर एक भाई और उसकी बहन का यौन शोषण करने का आरोप है। 13 वर्षीय बच्चे ने कोर्ट को बताया था कि 2015 में वह एक धार्मिक संस्थान में जाता था। वहां पर यह शिक्षक बाकी बच्चों से बाहर जाने के लिए कहता। सबके जाने के बाद वह बच्चे को लैपटॉप पर अश्लील विडियो दिखाता। उसके बाद वही सब करने के लिए बच्चे से कहता। बच्चे ने आरोप लगाया कि शिक्षक उसका यौन शोषण करता था। उसने बताया कि डर की वजह से उसने शुरुआत में अपना माता-पिता से यह बात छिपाई।
यह बात सामने तब आई जब उसकी 11 साल की बहन ने उनकी मां को शिक्षक की हरकतों के बारे में बताया। शिक्षक बच्ची का भी यौन शोषण करता था। जब माता-पिता ने बच्चे से इस बारे में पूछा तो उसने भी अपनी आपबीती कह डाली।
बच्ची ने बताया कि पूछताछ के दौरान बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि बच्चों के माता-पिता और आरोपी के बीच विवाद होने की वजह से वे उसे फंसा रहे हैं। इस बात का बच्चे ने खंडन किया। उसने कहा कि वह अपने माता-पिता के सिखाने पर यह सब नहीं कह रहा।
बच्ची को भी कोर्ट के सामने पेश किया गया। उसने बताया कि जब भी उसकी मां बीमार होती थी, वह संस्थान में उनकी जगह पर काम करने जाती थी। ऐसे ही एक बार आरोपी ने पीछे से उसे पकड़ लिया। उस समय बच्ची ने शोर मचाया और खुद को बचाकर भाग निकली।
दोबारा वहां अपनी धार्मिक पढ़ाई करने के लिए पहुंची बच्ची को एक बार फिर आरोपी ने पकड़ लिया। जब मां को बच्चों के साथ हुई घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। अब इस मामले में विशेष पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है।