मुंबई
राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में प्रथम आने के लिए नवी मुंबई महानगर पालिका लगातार प्रयत्नशील है। मनपा प्रशासन के साथ कंधा से कंधा मिलाते हुए उसके मूषक नियंत्रण विभाग ने चूहों को पकड़ने की जोरदार मुहिम छेड़ रखी है। इसके तहत अप्रैल’17 से जनवरी’18 तक 8 महीने में 1 लाख से अधिक चूहे मारे जा चुके हैं। प्लेग व लेप्टोस्पायरोसिस से होगा बचाव
चूहों की अधिकता से कई संसर्गजन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इनमें प्लेग व लेप्टोस्पायरोसिस जैसी अत्यंत घातक बीमारियां भी शामिल हैं। पिछले 8 महीनों में 1 लाख 9 हजार 213 के औसत को देखें तो मूषक नियंत्रक विभाग रोजाना करीब 450 चूहों को मार रहा है। नवी मुंबई में चूहों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। मनपा की कोशिश है कि जिस तेजी से इनकी संख्या बढ़ रही है, उसी तेजी से वह इन्हें पकड़कर नष्ट कर दे। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार जून में मॉनसून के आगमन से पहले पकड़े गए चूहों सहित नवी मुंबई में कम से कम 2 लाख चूहों को खत्म कर दिया जाएगा।
ऐसे पकड़ते हैं चूहे
मनपा का मूषक नियंत्रक विभाग पहले चूहों के रहने के स्थानों को खोजता है। इसके बाद उसे चिन्हित करता है। जिस स्थान पर चूहे ज्यादा आते हैं वहां जहरीली गोलियां रखी जाती हैं। इन गोलियों को खाने से चूहे मर जाते हैं। इनके अलावा आम जनता से मिली शिकायतों के आधार पर भी मनपा का मूषक नियंत्रक विभाग चूहों को मार डालता है।
मनपा का मूषक नियंत्रक विभाग चूहों को पकड़ने व मारने के लिए अॅल्युमिनियम फॉस्फाइट, जिंक फॉस्फाइट, ब्रोमेडिओलॉनी केक जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है। इन दवाओं को केक में डालकर उनके स्थानों पर रख दिया जाता है। इसके अलावा चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरों, ग्ल्यूटेप और दवाओं से युक्त धुएं का छिड़काव किया जाता है।
इसलिए बढ़ती है चूहों की संख्या
चूहों के प्रकोप झोपड़पट्टी क्षेत्रों व मनपा क्षेत्र के गांवों में अधिक है। इसका मुख्य कारण है कि लोग घर की रसोई में बची हुई खाद्य सामग्री और बचे हुए जूठन को अक्सर नालियों व गटर में फेंक देते हैं। ये चूहों के लिए पोषक होती है और उनकी संख्या में वृद्धि का कारण बनती हैं।
मनपा के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वैभव झुंजारे के अनुसार चूहों की प्रजनन दर बहुत अधिक होती है। ऐसे में अल्प समय में ही चूहों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ती है इनसे संसर्गजन्य बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ता जाता है। इसीलिए चूहों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मनपा प्रशासन ने मूषक नियंत्रक विभाग की स्थापना की है।
मनपा मुख्यालय भी चूहों से त्रस्त
बेलापुर में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मनपा मुख्यालय भी चूहों से त्रस्त हो चुका है। ये चूहे मनपा मुख्यालय भर में फैले हुए हुए हैं। इसलिए मूषक नियंत्रक विभाग ने मनपा मुख्यालय में भी इस मुहिम को जारी रखा है और अभी तक 1,211 चूहों को मारा जा चुका है।
विभागवार मारे गए चूहों की संख्या
क्रमांक विभाग मारे गए चूहे
1 दिघा 11,499
2 ऐरोली 14,350
3 घणसोली 12,080
4 कोपरखैरणे 16,609
5 तुर्भे 8,895
6 वाशी 14,921
7 नेरूल 15,399
8 बेलापुर 14,249
9 मनपा मुख्यालय 1,211
कुल योग 1,09,213