बेंगलुरु
बेंगलुरु में नम्मा मेट्रो के कर्मचारियों ने 22 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। कर्मचारियों ने भेदभाव को समाप्त करने जैसी कई मांगें की हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन संशोधन के साथ-साथ पदोन्नति की जाए। यही नहीं, कर्मचारियों और हिंदी कर्मचारियों के साथ भेदभाव पर लगाम कसने के भी प्रयास किए जाएं। इसके इतर कर्मचारी संघ ने बीएमआरसीएल (बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) प्रबंधन को 14 दिनों तक वक्त दिया है।
जानिए, क्या हैं मांगें
अनुभव के आधार पर पदोन्नति और वेतन में संशोधन किया जाए।
कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करके कर्मचारियों को स्थायी नौकरी दी जाए।
रात की शिफ्ट करने पर अतिरिक्त भुगतान किया जाए।
कर्मचारी संघ को मंजूरी दी जानी चाहिए।
हिंदी और कन्नड़ कर्मचारियों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
लगाया जा सकता है एस्मा ऐक्ट
बता दें कि पिछली बार एस्मा ऐक्ट मेट्रो कर्मचारियों द्वारा हड़ताल करने पर लागू कर दिया गया था। हालांकि, इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि हड़ताल से पहले ही एस्मा ऐक्ट लगा दिया जाएगा संघ का कहना है कि इससे जुड़ा मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, जिसकी वजह से इस ऐक्ट को लागू करना संभव नहीं है।
जानिए, क्या है एस्मा ऐक्ट
दरअसल, आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए एस्मा लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा का नियम ज्यादा से ज्यादा 6 महीनों के लिए लगाया जा सकता है।