मुंबई, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की ओर से जिस तरीके की मार्केटिंग की गई, कांग्रेस उसका सामना नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि पार्टी आगे इससे लडऩे की कोशिश करेगी और उन्हें भरोसा है कि 2019 में कांग्रेस दोबारा वापसी करेगी।
मीडिया के एक कार्यक्रम में जब सोनिया से पूछा गया कि 2014 के बाद कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा भाजपा ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई है। इस पर सोनिया ने कहा कि 10 साल तक हमारी सरकार सत्ता में रही और 2014 में उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। शायद जनता नया नेतृत्व चाहती थी और यही हमारी हार की एक प्रमुख वजह रही। इसके अलावा भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। उन्होंने जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैग ने भी संप्रग काल में मामलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। 2019 में वह चुनाव लड़ेंगीं या नहीं, इस सवाल केजवाब में सोनिया ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि वह चुनाव में उतरेंगी या नहीं। मतलब साफ है कि यह फैसला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को करना होगा। वाजपेयी करते थे संसदीय मर्यादा का सम्मान सोनिया ने कहा कि विपक्ष को संसद में बोलने का मौका ही नहीं दिया जा रहा। संसद में अहम मुद्दों पर चर्चा से सरकार भाग रही है। वर्तमान में संसदीय परंपराओं का पालन नहीं हो रहा और इसीलिए पार्टी नारेबाजी कर अपने मुद्दों को सदन में उठा रही है।
अटल बिहारी वाजपेयी संसदीय परंपराओं का पालन करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री के बारे में पूछे जाने पर कहा-मैं मोदी को नहीं जानती जब सोनिया से पूछा गया कि मोदी के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैंने सारी रामायण पढ़ ली और आप सीता-राम के बारे में पूछ रहे हैं।’ सोनिया ने कहा, ‘मैं मोदी को नहीं जानती। बतौर प्रधानमंत्री उन्हें संसद में अथवा देश और दुनिया में अलग-अलग कार्यक्रमों में जरूर देखती हूं, लेकिन निजी तौर पर मैं उन्हें नहीं जानती।’ जब उनसे पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री को क्या सलाह देंगी, इस पर सोनिया ने कहा कि वह उन्हें सलाह देने की हिम्मत नहीं कर सकतीं। उन्हें सलाह देने के लिए उनके आसपास बहुत सारे लोग हैं।