मुंबई
मालवणी, अंबरनाथ, महाड और पुणे से हाल में दर्जनों संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद आधार कार्ड की प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। इसके बाद इन एजेंसियों ने मुंबई पुलिस एवं राज्य सरकार को सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरतने का निर्देश दिया था।क्या वाकई राज्य सरकार और प्रशासन सतर्क हुए हैं, इसका खुलासा यह खुलासा हुआ है कि मात्र 2 सौ रुपये में कोई भी आधार कार्ड बनवा सकता है। इसके बाद आप किसी ट्रेन या विमान में बेखौफ यात्रा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, सरकारी योजनाओं का फायदा भी उठा सकते हैं।
फर्जी पहचान पत्र का खेल
एजेंट द्वारा ‘राजेश कुमार’ नाम से टिकट बना कर दिए जाने के बाद फर्जी ‘आधार कार्ड’ बनाने के खबर की पड़ताल करनी चाही, जिसके लिए उसी शाम एजेंट के पास जाकर रिश्तेदार के साथ दुर्घटना हो जाने और ‘राजेश कुमार’ की उसके साथ मौजूदगी को अनिवार्य बताकर मुंबई से दिल्ली की यात्रा को रद्द करने और उसके बदले किसी और व्यक्ति को दिल्ली भेजने का निवेदन किया गया। एजेंट ने बिना किसी हिल-हुज्जत के फर्जी यात्री राजेश कुमार की जगह असली व्यक्ति कृष्ण मुरारी सिंह को उसी तत्काल टिकट पर दिल्ली भेजने की बात को मान लिया। इसके बदले एजेंट ने 2 सौ रुपये अतिरिक्त लिए और कृष्ण मुरारी सिंह का असली आधार कार्ड लेने बाद, उस आधारकार्ड के आधार पर ‘कृष्ण मुरारी सिंह’ को ‘राजेश कुमार’ का फर्जी आधार कार्ड बनाकर दे दिया।
इस आधार कार्ड में सिर्फ दोनों के नाम अलग-अलग थे, जबकि ‘राजेश कुमार’ और ‘कृष्ण मुरारी सिंह’ के घर का पता, दोनों के आधार नंबर, दोनों की तस्वीरें और अन्य जानकारियां तक एक समान थी। इसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि यह राजेश कुमार नहीं कृष्ण मुरारी सिंह है और यह कृष्ण मुरारी सिंह नहीं राजेश कुमार है। हालांकि, एजेंट ने दिल्ली पहुंचकर ‘राजेश कुमार’ वाला फर्जी आधारकार्ड फाड़कर फेंक देने की हिदायत देना कतई नहीं भूला।
कैसे हुआ खुलासा
बिना कागजात के तत्काल टिकट और आधार कार्ड बनाए जाने संबंधित गुप्त सूचना मिलने के बाद टिकट बनाने वाले कुछ एजेंटों से मुलाकात की। इसी क्रम में मालवणी के न्यू कलेक्टर कंपाउंड में टिकट बनाने वाले एक एजेंट से मुलाकात हुई। इससे इमरजेंसी होने का हवाला देकर मुंबई से दिल्ली जाने के लिए एक टिकट का इंतजाम करने का निवेदन किया गया। थोड़ी ना-नुकर के बाद एक हजार में सौदा तय हुआ और उसने अगले दिन 11 बजे के बाद कन्फर्म टिकट लेने के लिए आने को कहा। एजेंट को 2 सौ रुपये अग्रिम भी दिए गए। अगली सुबह बाकी 8 सौ रुपये लेने के बाद एजेंट ने बांद्रा टर्मिनस से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास का कन्फर्म टिकट दे दिया। यह टिकट ‘राजेश कुमार’ (फर्जी नाम) के नाम से आरक्षित था, जो तत्काल टिकट बुक करने से 117 सेकंड्स पहले यानी 11 बजकर 1 मिनट 57 सेकंड पर बुक किया गया था।