मुंबई। मालाड पूर्व के कुरार गांव स्थित गणेशवाड़ी में संतोषी माता मंदिर के पास बने शौचालय की हालत पिछले 20 सालों से बदतर बनी हुई है, और अब जनता का सब्र टूट चुका है। “गणेश कृपा सेवाभावी संघ” के पास बना यह सार्वजनिक शौचालय न केवल जर्जर हो चुका है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया है। यहां की महिलाओं को शौच के लिए अपने घर के पुरुषों को साथ ले जाना पड़ता है ताकि वे बाहर खड़े होकर उनकी सुरक्षा कर सकें, क्योंकि पहले कई बार नशे में धुत गर्दुल्लों ने महिलाओं की अस्मिता पर हमला करने की कोशिश की है।
स्थानीय निवासी बार-बार आमदार, खासदार और नगरसेवकों से शिकायतें करते रहे हैं। लेकिन अब 10 दिन बाद स्थानीय जनता ने तय किया है कि वे इन नगरसेवक, आमदार, खासदार के दफ्तरों का घेराव करेंगे। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इतने वर्षों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन और नेताओं ने आंखें मूंद रखी हैं।
इस शौचालय की दीवारें इतनी कमजोर हैं कि कोई भी हल्का सा धक्का दे तो दीवार गिर जाए। साफ-सफाई की स्थिति यह है कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल है। लोगों ने 31 अक्टूबर 2019 को नगरसेवक प्रतिभा हेमंत शिंदे को सामूहिक हस्ताक्षर कर शिकायत पत्र दिया था, जिसे उन्होंने रिसीव करके स्वीकार भी किया, लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद कोई काम शुरू नहीं हुआ। इसके बाद 16 दिसंबर 2019 को शिवसेना शाखा प्रमुख (शाखा क्रमांक 37) को भी पत्र लिखा गया, जिसमें फिर से नगरसेवक और आमदार से शौचालय निर्माण की गुहार लगाई गई। लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात।
एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि जब वे शिकायत लेकर प्रतिभा शिंदे के पास जाते है तो प्रतिभा शिंदे कहती हैं यह उनका वार्ड नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र विनोद मिश्रा के वार्ड में आता है। वहीं, विनोद मिश्रा कहते हैं कि यह क्षेत्र उनके मतदाता का नहीं है। दोनों नगरसेवक एक ही पार्टी से होने के बावजूद एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। आमदार और खासदार को भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ।
स्थानीय संतोष आवडे बताते हैं कि यह शौचालय २०१९ में बनाने का वादा प्रतिभा शिंदे ने किया था, लेकिन आज तक कोई काम नहीं किया गया। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की कई घटनाएं सामने आईं, जिनकी शिकायतें थाने में की गईं, शिक़ायत भी दर्ज है लेकिन अब शिकायत करने पे पुलिस भी मौके पर नहीं पहुचती। महिलाएं अब रात को डर-डर कर पुरुषों के साथ शौचालय जाती हैं।
इस चाल की हालत इतनी बदतर है कि बिल्डर “रॉयल रिएल्टर्स प्रिस्टो” ने अपने मजदूरों के लिए जो शौचालय बनाया था, उसका मल-मूत्र रास्ते पर बहकर आता है। यह गंदगी वहीं से होकर गुजरती है, जहां से करीब 500 लोग जिनमे छोटे बच्चे सुबह-शाम इस गंदे रास्ते से होते हुए शौचालय के लिए जाते हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार इस बिल्डर—हिम्मतभाई कच्छारा—के खिलाफ शिकायतें कीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। और अब जनता का आरोप है कि बिल्डर हिम्मतभाई कच्छारा शासन और प्रशासन को रिश्वत देकर सबका मुंह बंद करवा देता है, इसी वजह से अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। संतोष आवडे ने गुस्से में कहा, “अब अगर चुनाव के समय हमारे घर पर वोट मांगने आएंगे, तो हम उन्हें भगा देंगे।” वहीं, एक अन्य नागरिक ने कहा, “घर से क्या चाल से, और एरिया से भी भगा देंगे। अगर कोई वोट मांगने आया, तो उसका बहिष्कार किया जाएगा।”
इस मामले को लेकर हमारे संवाददाता ने जब स्थानीय नगरसेवक सहित रॉयल रियल्टर्स प्रीस्टो के बिल्डर हिम्मत कच्छारा से उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया तो संपर्क नहीं हो सका ।
इस गंभीर समस्या के लिए जनता ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कोई हादसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी आमदार, खासदार और नगरसेवकों की होगी।