मुंबई
बहुचर्चित पीएनबी फ्रॉड मामले में अभी तक जांच एजेंसियां पुख्ता तौर पर यह नहीं बता पाई हैं कि आखिर आरोपी नीरव मोदी कहां हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को 12,600 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले नीरव मोदी हॉन्ग कॉन्ग में हो सकते हैं। स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट को ईडी की ओर से वकील हितेन वेनेगांवकर ने यह जानकारी दी। जब वेनेगांवकर ने तर्क रखा कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जांच एजेंसियों के सामने पेश नहीं हो रहे हैं तो स्पेशल जज एमएस आजमी ने दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया। वेनेगांवकर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने मौखिक रूप से कहा है कि नीरव हॉन्ग कॉन्ग में हो सकते हैं।
ईडी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हमारे पास रिपोर्ट्स हैं कि नीरव हॉन्ग कॉन्ग में ही हैं। अब गैर-जमानती वॉरंट होने से ईडी को नीरव और मेहुल चौकसी को भारत लाने में आसानी होगी। ईडी ने 15 फरवरी को शिकायत दर्ज करके मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। पिछले वेनेगांवकर ने कोर्ट को बताया था कि दोनों को उनके पिछले पते पर 15 फरवरी को ही समन भेजा गया था और उनसे आग्रह किया गया कि वह ईडी के सामने 16 फरवरी को पेश हों। ईडी ने कहा कि दोनों ने इसका कोई जवाब ही नहीं दिया। इसके बाद 17 और 22 फरवरी को फिर से ईमेल के माध्यम से समन भेजे गए। बाद में दोनों ने एक ईमेल का जवाब दिया। नीरव मोदी ने अपने जवाब में लिखा कि उनका कारोबार विदेश में है इसलिए वह सिर्फ ईमेल के माध्यम से बात कर पाएंगे। नीरव ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा बताते हुए कहा कि कई सारी एजेंसियां उनकी सुरक्षा, सम्मान और संपत्तियों के लिए खतरा बनी हुईं हैं और उन्हें परेशान कर रही हैं। चौकसी ने अपने जवाब में लिखा कि वह देश लौटना चाहते हैं, अगर उनका पासपोर्ट जो रद्द कर दिया गया है उसे बहाल किया जाए।