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22 महीने से लापता महिला पुलिस अफसर की हुई थी नृशंस हत्‍या, शव के टुकड़े कर समंदर में फेंका

मुंबई: 22 महीने से लापता महिला पुलिस अफसर अश्विनी बिंद्रे की हत्या हो चुकी है. हत्यारा भी कोई और नहीं, खुद एक पुलिस अफसर है. जांच में पता चला है कि आरोपियों ने अश्विनी बिन्द्रे के शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर समंदर में फेंक दिया था. 12 अप्रैल 2016 को पुलिस अफसर अश्विनी बिन्द्रे के शरीर को टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया था लेकिन खुलासा अब जाकर हुआ है. 11 अप्रैल 2016 को अश्विनी बिन्द्रे घर से निकली थीं, उसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं चला. अब जांच में पता चला है कि अश्विनी उस दिन शाम को आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर अभय कुरुंडकर से मिली थीं. फिर दोनों कार में बैठकर भायंदर आये और उसके बाद अश्विनी का फोन बंद हो गया था. 22 महीने बाद खुलासा हुआ है कि आरोपी इंस्पेक्टर अभय कुरुंडकर ने अश्विनी की हत्या कर लकड़ी काटने वाली आरा मशीन से शव के टुकड़े किये और फिर वसई की खाड़ी में फेंक दिया था. अब शव के उन टुकड़ों की तलाश में नौसेना के गोताखोरों की मदद ली जा रही है.

आधुनिक उपकरणों से लैस गोताखोरों की एक टीम ने पहले उस जगह का मुआयना किया जहां आरोपी ने शव फेंकने की बात कही. उसके बाद समंदर के गहरे पानी मे उतरकर शव की तलाश शुरू कर दी. लेकिन 3 घंटे से ज्यादा की मशक्कत के बाद भी कोई सफ़लता हाथ नहीं लगी. कोल्हापुर की रहने वाली अश्विनी बिंद्रे शादीशुदा थीं और उन्हें एक बेटी भी है.
आरोप है कि सांगली में ड्यूटी के दौरान अश्विनी और आरोपी इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर एक दूसरे के काफी करीब आये. जब अश्विनी का रत्नागिरि तबादला हो गया, तब भी अभय कुरुंदकर उनसे मिलने जाते रहे. ये बात जब अश्विनी के घरवालों को पता चली और उन्होंने विरोध किया, तब आरोपी इंस्पेक्टर ने अश्विनी के पति को गायब करने की धमकी भी दी. उसके बाद अश्विनी और आरोपी इंस्पेक्टर में झगड़ा हुआ जो घर में लगे सीसीटीवी में कैद भी हुआ था. लेकिन बावजूद इसके नवी मुंबई पुलिस लापरवाह बनी रही. मजबूरन अश्विनी के परिवार को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

मामले में अब तक आरोपी इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर, उसके दोस्त और ड्राइवर सहित कुल 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है. जाहिर है आरोपी खुद पुलिस अफसर है इसलिए उसने शव ना मिले इसकी पूरी कोशिश की है. लेकिन कानून के जानकार बताते हैं कि शव ना मिले तब भी परिस्थितजन्य सबूतों और गवाहों के आधार पर मजबूत केस बन सकता है. अब जांच टीम की कोशिश सीसीटीवी, धमकी की ऑडियो रिकॉर्डिंग, मोबाइल कॉल डाटा रिकॉर्ड, टावर लोकेशन और गवाहों के बयान के आधार सभी कड़ियों को जोड़ने की है. आरोपी इंस्पेक्टर के घर से बरामद फ्रिज इसमें अहम सबूत बन सकता है. मामले में गिरफ्तार आरोपी इंस्पेक्टर के बचपन के साथी महेश फलणीकर ने पुलिस को बताया है कि अशिवनी की हत्या के बाद लकड़ी काटने वाली आरा मशीन से उसके शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन्हें पहले फ्रिज में रखा गया था, बाद में मौका देख समंदर में फेंक दिया गया.

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