
मुंबई उपनगर में बैनरबाज़ों का आतंक: सड़कें बनीं बैनरबाजों की जागीर
मालाड, कांदिवली, गोरेगांव और बोरीवली बने बैनरबाज़ों के अड्डे
सिग्नल पर लटकते बैनर, जनता हुई परेशान
मनपा को करोड़ों का चूना, मनपा अधिकारी गहरी नींद में ??
पी/उत्तर, पी/पूर्व और आर/साउथ विभाग के अधिकारी आखिर क्यों बैनरों के सामने है बेबस ??
मलाड पूर्व के शिवाजीनगर, भीमनगर, गांधीनगर, आनन्दनगर रोड- रोड कम, बैनर ज़्यादा; जनता परेशान
मुंबई में त्योहारों का मौसम शुरू होते ही एक नई समस्या सिर चढ़कर बोलने लगती है – बैनरबाज़ों का आतंक। बैनरबाज वे लोग होते है जो समाज के लिए कुछ करते तो है नहीं परंतु स्वयंघोषित समाजसेवक और नेता बन जाते है। यही बैनरबाज हर दूसरे दिन अपने बॉस या भाई के जन्मदिन के नाम पर बैनर छपवाकर सड़क पर टांग देते हैं और इतने बड़े-बड़े पोस्टर जिन पर लिखा होता है “भाई का बर्थडे” या “बॉस का बर्थडे” अब मुंबई की सड़कों की नई पहचान बन गए हैं। आलम यह