पुनर्विकास की परियोजनाओं को समय पर पूरा न करने वाले डिवेलपरों पर जल्द ही म्हाडा की गाज
मुंबई
पुनर्विकास की परियोजनाओं को समय पर पूरा न करने वाले डिवेलपरों पर जल्द ही म्हाडा की गाज गिर सकती है। इन बिल्डरों को परियोजना से हटाने की बात गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने कही है। इसके लिए म्हाडा नियम में बदलाव पर काम कर रही है। बता दें कि म्हाडा की सैंकड़ों ऐसी पुनर्विकास परियोजनाएं हैं, जिनका काम पूरा नहीं हो पाया है। कहीं तो निवासी घर खाली नहीं कर रहे हैं, और कहीं बिल्डर की आर्थिक स्थिति परियोजना के आड़े आ रही है। मौजूदा नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में म्हाडा सिर्फ परियोजना की एनओसी ही रद्द कर सकती है, लेकिन अब नियम में ऐसे बदलाव की तैयारी की जा रही है कि म्हाडा खुद ही बिल्डर को हटा सके। इसके लिए झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरए) की तरह नियम बनाए जाएंगे।
एसआरए ऐक्ट 13(2) के अनुसार यदि एसआरए परियोजना का काम 10 साल से अधिक समय से शुरू नहीं किया गया, तो बिल्डर को हटाया जा