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थाने में निकाह, मायके भेजकर दिया तलाक

नई दिल्ली
रोहिणी कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तारी से राहत दी है, जिस पर पत्नी ने रेप का आरोप लगाया है। अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका में कहा गया है कि केस की एफआईआर के मुताबिक रेप की कथित घटना 13 मई की है। एफआईआर 15 जुलाई को दर्ज की गई। इससे साफ है कि सोची-समझी साजिश के तहत यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोपी के मुताबिक उसकी पत्नी ने तलाकनामा भेजे जाने के बाद यह एफआईआर दर्ज कराई, जिससे उसे परेशान किया जा सके और पैसे वसूले जा सकें। उसने रेप के आरोप को झूठा बताते हुए यह भी दावा किया कि महिला ने धमकाते हुए उस पर शादी के लिए दबाव बनाया था। आरोपी की ओर से एडवोकेट सत्यनारायण शर्मा ने अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की।

दलील दी गई कि दोनों पक्षों के बीच पैसों के लेनेदेन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके चलते उस पर और उसके भाई पर रेप, अननेचरल सेक्स और पॉक्सो ऐक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए। याचिका में इस पर विरोध जताया गया कि शिकायती के बालिग होने के बावजूद पुलिस ने पॉक्सो ऐक्ट क्यों लगाया। दलील दी गई कि दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से संबंध बने तो पुलिस ने पति पर अपनी पत्नी के साथ रेप का केस कैसे दर्ज कर लिया। स्पेशल जज अमित कुमार ने दलीलों पर गौर किया और कथित आरोपी को शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे दी।

आरोपी की पत्नी ने वजीरपुर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उसमें उन्होंने अपने पति और जेठ पर आईपीसी के तहत रेप, अननेचरल सेक्स और पॉक्सो के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए हैं।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उनकी मां ने आरोपी को उनके साथ गलत काम करते हुए पकड़ा था। मामला जब थाने पहुंचा तो आरोपी के घरवालों ने माफी मांगते हुए थाने में ही आरोपी का निकाह उनके साथ करवा दिया। चंद रोज बाद ही आरोपी ने कथित रूप से परेशान करना शुरू कर दिया और कहा कि आरोप से बचने के लिए मजबूरन शादी की है। इसके बाद उनके जेठ ने भी कथित रूप से रेप किया। बाद में आरोपी ने उन्हें मायके छोड़ दिया और कुछ दिनों बाद घर पर ही तलाकनामा भिजवा दिया।

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