हादसे की खबर मिलते ही लोग अपनों की सलामती सुनिश्चित करने के लिए राजावाड़ी अस्पताल की ओर दौड़े। चूंकि आग की चपेटों में आने के कारण लोग बुरी तरह जल गए थे, ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल था। खबर लिखे जाने तक 10 शवों की पहचान की जा चुकी थी। 100 प्रतिशत तक जले दो शवों की पहचान नहीं हो सकी। शवों को लेने के लिए अस्पताल के बाहर परिजन और रिश्तेदारों की कतारें लगी रहीं। वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि हादसे की चपेट में आने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश से थे।