कहते हैं मां अगर साथ हो तो मुश्किल से मुश्किल चीजें आसान हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ तुषार पवार के साथ हुआ। दरअसल फरसाण गोदाम में जहां आग लगी, उसी से सटे एक घर में तुषार अपनी मां और भाई के साथ रहते हैं। हादसे के वक्त तुषार के भाई तेजस पवार काम पर गए थे, जबकि मां और तुषार सो रहे थे। आग लगने के बाद उठे धुएं और आसपास हो रही आवाज तुषार की मां के कानों तक पहुंची। मां ने घर में सो रहे तुषार को तुरंत उठाया और सही सलामत वहां से निकलने में सफल रहीं।
तुषार के अनुसार वह पिछले 25 सालों से उस घर में रहते थे। हादसे से जिंदगी तो बच गई, लेकिन उनका घर हमेशा के लिए तबाह हो गया। घटना के बाद तुषार ने मां को अपने एक रिश्तेदार के यहां छोड़ आए, हालांकि अब वह लोग खुद कहां और कैसे रहेंगे? इस बारे में सोचकर परेशान हैं।