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चेंबूर के विद्यार्थियों का कमाल, बिना मिट्टी की खेती

मुंबई
बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते कृषि क्षेत्र लगातार कम हो रहा है। ऐसे में मुंबई के एक विज्ञान प्रदर्शनी में दो विद्यार्थी ने बिना मिट्टी के खेती कर दिखाया है। अब इस प्रॉजेक्ट को राज्य के विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयन किया गया है।राज्य में किसान आत्महत्या एक ज्वलंत मुद्दा है। लगातार शहरीकरण और पानी की कमी के कारण खेती के लिए चुनौती निर्माण हुआ है। इसे देखते हुए चेंबूर के स्वामी मुक्तानंद हाईस्कूल के विद्यार्थी श्रुति नाले और अतीश खताल ने खेती ऊपर एक प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया।

इसके बाद इन दोनों विद्यार्थियों ने बिना मिट्टी का उपयोग किए किस तरह से खेती की जा सकती है, उसके बारे में शिक्षकों से लेकर अपने अभिभावकों तक से चर्चा की। विद्यार्थियों का यह सुझाव भा गया। इसके बाद शिक्षिका संगीता क्षीरसागर व शिक्षक भानुदास गायकवाड ने विद्यार्थियों को बिना मिट्टी के खेती की प्रॉजेक्ट पर लग गए। इन विद्यार्थियों ने नारियल खरीदकर उसके बुरादे (छिलका) को जमा करना शुरू किया।

इसके बाद जब यह बुरादे प्रचुर मात्रा में जमा हो गया, तो विद्यार्थियों ने उस पर घास उगाए। जब यह प्रोजेक्ट सफल हो गया, तो विद्यार्थियों ने उस पर फूलों के पेड़ उगने की बात कही।

स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कहा कि शहर के बच्चे खेती के बारे में सोचते हैं और बिना मिट्टी के खेती का प्रॉजेक्ट बनाया। बच्चों के इस प्रॉजेक्ट की खूब सराहना हो रही है। यह स्कूल के लिए गर्व की बात है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके विद्यार्थी अपने इस प्रॉजेक्ट के चलते राज्यस्तर के विज्ञान प्रदर्शनी में विजेता घोषित होंगे।

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