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मुंबई: आधार बना दिव्यांग के लिए मुसीबत, रुका वेतन

मुंबई
कई दिव्यांग बायोमैट्रिक व्यवस्था में लाचार नजर आते हैं। व्यवस्था होने के बावजूद उनको एक ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसा ही मामला बीएमसी  (मुंबई नगर निगम) कर्मचारी हंसा जाधव के साथ सामने आया। बायोमैट्रिक उपस्थिति लगाने में फेल रहने के बाद हंसा को नवंबर महीने का वेतन नहीं मिला।

हंसा ने अपने वेतन लिए कई कई दफ्तरों के चक्कर लगाए। आधार सेंटर पर जाकर नए सिरे से पर्ची लाने को कहा गया। आधार अधिकारियों के अनुसार, इस तरह से किसी कर्मचारी का वेतन नहीं रोका जा सकता।

यह है मामला
बीएमसी ने कुछ महीने से बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इसके तहत कर्मचारी अंगूठा लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। ऐसा न करने पर उनकी पगार काटने का निर्देश दिया गया है। इस महीने 3,800 कर्मचारियों का वेतन इस वजह से रोक दिया गया है। जाधव ने कहा, ‘मेरे तो अंगूठे का निशान नहीं लगता, मैं क्या कर सकती हूं? मैं तो रोज ऑफिस आती हूं। इस महीने पगार ही नहीं मिली। घर पर दो शादियां है, कैसे काम होगा।’

जाधव का मामला ऊपर तक पहुंचा, तो निचले कर्मचारियों के होश उड़ गए। उन्होंने जाधव को सलाह दी कि वह फिर आधार केंद्र पर जाकर अंगूठा का निशान न आने की पर्ची लेकर आएं। वेतन न मिलने से परेशान जाधव ने आधार केंद्र में जाकर तीन घंटे बिताए, तब जाकर बीएमसी के वॉर्ड ऑफिस में बने सेंटर में यह पर्ची उन्हें मिल सकी। बाहर से पर्ची लानी होती, तो मुश्किलें और बढ़ जातीं। उनकी सहकर्मी ने बताया कि आधार कार्ड तो कई सालों पहले बन गया था। पहले तो आधार सेंटर वाले ने ‘ना-नुकुर’ की, लेकिन बाद में वह तैयार हुआ। अब हम इसे फिर मुख्यालय में ले जाकर जमा करेंगे, फिर रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की सुविधा मिलेगी।

बायोमैट्रिक अपवाद 

यदि किसी के अंगूठे का निशान या आंखों की पुतली को लेकर दिक्कत है, तो बायोमैट्रिक अपवाद पर क्लिक कर उनका आधार बनवाया जा सकता है।

किसी सरकारी सेवा में अंगूठे का निशान न होने पर उसके आंखों के माध्यम से उसकी जांच करने की जिम्मेदारी संबंधित प्रशासन पर है।

इस संदर्भ में सामने मौजूद व्यक्ति को देखकर भी उसकी जांच की जा सकती है।

दिव्यांगों को हो कोई दिक्कत
आधार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दिव्यांगों को इस तरह से किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। आधार, महाराष्ट्र से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिनके अंगूठे का निशान नहीं आता, हम बायोमैट्रिक अपवाद पर क्लिक कर काम आगे बढ़ाते हैं।

यदि हाथ न हों, तो ऐसी स्थिति में हम सामान्य फोटो के साथ हाथ का भी फोटो लेते हैं। यदि किसी कर्मचारी के हाथों के निशान नहीं मिल रहे हैं, तो आंखों की पुतली से उसकी जांच करने का काम संबंधित विभाग का है। इसमें संबंधित व्यक्ति को कुछ नहीं करना होगा। इस तरह के 140 मामले हैं। हम सभी को पगार देंगे।

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