ठाणे
साथी नगरसेवक की हत्या की सुपारी देने के मामले में फरार केडीएमसी के भाजपा नगरसेवक महेश पाटील को बचाने भरपूर कोशिश की जा रही है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, पाटील की धरपकड़ न हो, इसलिए मंत्री से लेकर नगरसेवकों ने ठाणे शहर पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।सूत्र बताते हैं कि इससे पहले राजनीतिक लोगों ने ठाणे ग्रामीण पुलिस पर दबाव बनाया था। बता दें कि ठाणे ग्रामीण पुलिस की सीमा में स्थित गणेशपुरी पुलिस स्टेशन में पाटील सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है, जिनमें से 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पाटील पर आरोप है कि उसने भाजपा समर्थित नगरसेवक कुणाल पाटील की हत्या के लिए 50 लाख रुपये की सुपारी दी थी। ग्रामीण पुलिस ने 14 दिसंबर को विजय
मेनबंसी सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद अल्लाउद्दीन उर्फ सोन्या बद्रुद्दीन शेख और फिर सचिन उर्फ मुरलीधर धोंडगे को गिरफ्त में लिया था और रिवॉल्वर जब्त की। विजय ने पुलिस को दिए बयान में महेश पाटील द्वारा कुणाल पाटील की हत्या के लिए 50 लाख की सुपारी देने की बात का खुलासा किया था। विजय को 10 लाख रुपये अडवांस मिले थे। आरोपी कुणाल की हत्या के इरादे से उनके कार्यालय के करीब जमा हुए थे, लेकिन मौका न मिलने से खाली हाथ वापस चले गए थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाटील को बचाने के लिए एक मंत्री की तरफ से ग्रामीण पुलिस पर मामला दर्ज न करने का दबाव बनाया गया था। लेकिन, कुछ दिन बाद पाटील के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब मामले को आगे की छानबीन के लिए ठाणे शहर पुलिस के हफ्ता निरोधी दस्ते के पास स्थांतरित किया गया है। सूत्रों के अनुसार, महेश पाटील के बचाव में ठाणे जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के मंत्रिमडल में शामिल एक मंत्री ठाणे शहर पुलिस पर दबाव बना रहे हैं। इस बारे में जब हफ्ता वसूली निरोधी दस्ते के एक अधिकारी से पूछा गया, तो उनका कहना था कि वह किसी के दबाव में आए बिना मामले की छानबीन कर रहे हैं और जल्द ही फरार आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। महेश पाटील के खिलाफ पहले से ही हत्या, अपहरण जैसे करीब दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं।