मुंबई
जीएसटी रेड की पहली मार अंगाड़िया वर्कर्स पर पड़ी है जिनके द्वारा भेजा गया 94 करोड़ की राशि का कूरियर पिछले हफ्ते मुंबई में जब्त हुआ। इसमें शुद्ध हीरे, सोने के बिस्किट, जूलरी और कैश जैसे बहुमूल्य वस्तुएं शामिल थीं। इस छापे से रत्न कारोबारियों को अपने बिजनस में नुकसान होने का डर है जो इन कूरियर के अनौपचारिक लेकिन विश्वसनीय नेटवर्क पर निर्भर हैं।जीएसटी विभाग अब इनकम टैक्स और कस्टम ऑफिशल्स की मदद से इस सोने के बिस्किट का सॉर्स पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहीं ये विदेश में निर्मित और तस्करी कर यहां लाए गए तो नहीं है। दरअसल 5 जनवरी को अंगाड़िया वर्कर्स के गुजरात से मुंबई आए 85 कूरियर्स को बरामद किया गया और आधिकारिक कागजात न होने पर इसकी खेप को जब्त कर दिया गया।
इस मामले में मुंबई के हीरा कारोबारी और जौहरियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अंगाड़िया सर्विस, इंडस्ट्री में पिछले साल सप्लाई चैन का अहम हिस्सा रही है जिसके जरिए 70 हजार करोड़ की कीमत के रत्न, नकद और दूसरे बहुमूल्य सामानों का आदान-प्रदान हुआ है।
दरअसल गुप्त होने की वजह से इस ट्रांसपॉर्टेशन को अवैध नहीं माना जाता है- ट्रांसपॉर्ट किए गए हीरे या जूलरी प्रॉडेक्ट एक चरण या दूसरे चरण में टैक्स देते हैं। यहां तक कि कई मामलों में अंगाड़िया सर्विस के कर्मचारियों और गाड़ियों को पुलिस सुरक्षा भी दी जाती है। लेकिन अब ये सिस्टम, जो हीरे के व्यापारियों और सेवाओं के बीच विश्वास पर काम करता है, जीएसटी के दबाव में आ गया है।
जीएसटी ऐक्ट के अनुसार, एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान ई-वे बिल के माध्यम से होना जरूरी है जो कि जीएसटी पोर्टल में जेनरेट किया जा सकता है। यह डॉक्युमेंट माल की मात्रा और मूल्य, मूल और गंतव्य बिंदु को बताता है। मुंबई जीएसटी कमिश्नर केएन राघवन ने बताया, ‘गुजरात से आए 85 कूरियर को जब्त किया गया है जिसमें 90 बैग में 1042 भारी कीमत वाले पार्सल थे। इनमें से केवल 200 पार्सल के पास ही जीएसटी कंप्लेंट इनवॉइस था जबकि 842 पार्सल के पास उनके ड्यूटी डॉक्युमेंट्स नहीं थे। इस वजह से ये पार्सल जांच के दायरे में हैं।’
पेपरवर्क से जुड़ा है मामला
जब्त किए गए सामान में 69 करोड़ रुपये के हीरे, 16 करोड़ के सोने और चांदी की जूलरी और 3 करोड़ के सोने के बिस्किट मौजूद हैं। साथ ही 4 करोड़ की राशि की भारतीय करेंसी और 60 लाख से ज्यादा राशि की विदेशी करेंसी भी शामिल है। मामले में रत्न कारोबारी नरेश मेहता ने बताया कि मामला टैक्स नहीं बल्कि पेपरवर्क से जुड़ा है। जीएसटी अधिकारियों ने उपयुक्त डॉक्युमेंट न होने की वजह से सामान जब्त किया है। हम अथॉरिटी को डॉक्युमेंट दिखाने के बाद सामान को छुड़ा सकते हैं।
50 साल से विश्वास पर हो रहा है आदान-प्रदान
मेहता ने यह भी कहा कि गुजरात और मुंबई के बीच पिछले 50 साल से विश्वास के बल पर हीरे और जूलरी का टांसपॉर्टेशन हो रहा है। एक रत्न कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘कई सारे अंगाड़िया हीरे, सोने के बिस्किट और जूलरी का आदान-प्रदान करते आए हैं। वह दूसरे शहर में ट्रांसपोर्ट किए गए सामान की रसीद देते हैं लेकिन हीरे और सोने के बिस्किट की कीमत को आंकने के लिए क्रॉस चेकिंग नहीं होती है। वे व्यापारियों द्वारा बताई कीमत पर भरोसा करते हैं और रसीद जारी करते हैं।’