वॉशिंगटन
पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद को रोकने के बाद अब अमेरिका ने इसे बहाल करने की शर्तें बताई हैं। सोमवार को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय, पेंटागन ने पाकिस्तान को इन शर्तों के बारे में बताया। पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने कहा, ‘हमारी उम्मीदें स्पष्ट हैं, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की धरती पर पनाह नहीं मिलनी चाहिए।मैंनिग ने मीडिया से कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को बता दिया है कि वह कौन से ठोस कदम उठा सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में हम बिना किसी भेदभाव के पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। हम इस बारे में पाकिस्तान की सरकार से बातचीत जारी रखेंगे। बता दें कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की सैन्य मदद रोके जाने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान इसके जवाब में अफगानिस्तान में लड़ रहे अमेरिका को अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा। इन कयासों को खारिज करते हुए पेंटागन के प्रवक्ता मैनिंग ने कहा, ‘हमें पाकिस्तान द्वारा इस तरह की कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।’
बता दें कि नए साल के पहले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की मदद दी और इसके बदले में उसे झूठ और छल मिला। इस तरह पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए अमेरिका ने उसे दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी। इसी बीच ट्रंप समेत पूरे प्रशासन ने साफ कर दिया कि अब आतंकवाद पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले पर सीआईए प्रमुख माइक पॉम्पियो ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब पहले जैसा नहीं चलेगा इसीलिए मदद रोककर उन्हें (पाक को) एक मौका दिया गया। अगर वे खुद को बदल लेते हैं और समस्या के समाधान के लिए आगे आते हैं तो अमेरिका दोबारा पाकिस्तान के साथ एक पार्टनर के तौर पर संबंध बढ़ाने को तैयार है लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो हम अमेरिका की सुरक्षा करने जा रहे हैं।’