लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जनपद बाराबंकी में आज जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गयी। यह मौतें देवा और रामनगर क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर हुईं। सभी को पेट दर्द व उल्टी-दस्त की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रथमदृष्टया मौतों का कारण शराब अथवा स्प्रिट का सेवन बताया जा रहा है। बारांबंकी के गांव सलारपुर में दावत करने वाले राम नरेश के पिता अर्जुन को पुलिस ने हिरासत में लिया है। अर्जुन ने कहा कि दावत में सभी स्प्रिट पी रहे थे। दावत देने वाला राम नरेश व उसका बहनोई बीरेंद्र और उसका साथी एक साथ फरार है। देवा में स्प्रिट विक्रेता लाइसेंसी मदन जायसवाल को लखनऊ से आई आबकारी टीम अपने साथ ले गई। डीएम अखिलेश तिवारी ने आबकारी विभाग व एसडीएम सदर को जांच के निर्देश दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ होगी। उल्लेखनीय है कि इस इलाके में दागी आबकारी निरीक्षक ओंकार नाथ अग्रवाल तैनात है। उन पर पहले भी यही आरोप लगे थे।देवा क्षेत्र के देवगांव निवासी नौमीलाल (40) पुत्र गंगाराम को मंगलवार रात करीब दो बजे जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जिसकी 20 मिनट बाद मौत हो गई। इसके बाद एक-एक कर मौतों का सिलसिला शुरू हुआ जो बुधवार देर रात तक जारी रहा। मरने वालों में नौ देवा और दो रामनगर क्षेत्र के निवासी हैं। इसमें आठ शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा, जबकि तीन शवों का परिवारीजन ठंड से मौत होना बताकर अंतिम संस्कार कर दिया।मरने वालों में देवा थाना क्षेत्र के मुनियापुरवा निवासी कमलेश (26) पुत्र बैरागी, ग्राम रीवां रतनपुर निवासी उमेश (22) पुत्र राम हरख, सलारपुर गांव निवासी सत्यनाम (30) पुत्र मेढ़ीलाल, ग्राम ढिढोरा मजरे सलारपुर निवासी राकेश (40) पुत्र नौमीलाल, मुनियापुरवा मजरे ताजपुर निवासी रामफल (27) पुत्र बैरागी, कचहरान निवासी मुन्ना बाल्मीकि (35), हुज्जाजी मुहल्ले के निवासी संजय, देवगांव निवासी नौमीलाल (40) पुत्र गंगाराम, जसनवारा गांव के माता प्रसाद (50) व रामनगर थाना क्षेत्र के थालखुर्द गांव निवासी अवनीश (29) और कांशीराम (28) शामिल हैं।देव गांव निवासी नौमीलाल, जसनवारा निवासी माता प्रसाद व देवा कस्बा के मुहल्ला हुज्जाजी निवासी संजय का परिवारीजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। उनका कहना था कि उन्होंने पहले कभी शराब नहीं पी थी।यहां के आबकारी निरीक्षक ओंकार नाथ अग्रवाल पर पहले भी शराब से जुड़े इसी तरह के आरोप लगे थे। जिला प्रशासन का दावा है कि इन लोगों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि ठंड के कारण हुई है। राजधानी से तकरीबन 22 किलों मीटर की दूरी पर स्थित जिला बाराबकी में आबकारी विभाग के नाक के नीचे अवैध शराब की भट्टियां धधक रही है। इन भट्टियों को लेकर न तो जिला प्रशासन काई कार्रवाई कर रहा है। न ही अबकारी विभाग जिसके चलते इलाके के लोगों पर जहरीली शराब ने अपना काबू पा लिया है। लोगों के जहरीली शराब पीकर मौत होने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। एक के बाद एक लोगो की जान जा रही है।