मुंबई
इस बार के आम बजट से मुंबईकरों को बड़ी उम्मीदें हैं। 2019 में होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले का यह बजट है। किसान और जवान सभी को खुश करने की कवायद होगी। ऐसे में रेलवे के लिए अलग से कुछ नई घोषणा करने की कोई उम्मीद नहीं है। मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रॉजेक्ट के अंतर्गत मौजूदा परियोजनाओं का काम तेजी से आगे बढ़ाने का ही लक्ष्य होगा। मुंबईकरों के लिए कुछ इस तरह हो सकता है रेल बजट-तकनीक पर फोकस कर सकते हैं गोयल
रेलमंत्री पीयूष गोयल अपनी हर एक बैठक में सबसे ज्यादा फोकस तकनीक पर करते हैं। कारशेड में कर्मचारियों की कमी से लेकर ट्रैक का रखरखाव करने वाले गैंगमेन की भर्तियों की बात हो, गोयल ने हमेशा मानव शक्ति के बजाय तकनीक पर ध्यान देने की बात की है। ऐसे में इस बार के रेल बजट में तकनीक पर ज्यादा फोकस रहेगा। ट्रैक रखरखाव के लिए आधुनिक मशीनें, मॉनिटरिंग के लिए मॉर्डन सीसीटीवी और ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए सिग्नलिंग व्यवस्था में बदलाव रेल बजट का हिस्सा होंगे। मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर रखरखाव और सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में मुंबई के मौजूदा रेल नेटवर्क को उन्नत बनाने के लिए विशेष बजट की व्यवस्था हो सकती है।
नए नेटवर्क का होगा विस्तार
एमयूटीपी के अंतर्गत पूर्व में नए रूट की घोषणा की गई थी, ऐसे रूट्स के लिए और पैसा दिया जा सकता है। मुंबई उपनगरीय नेटवर्क में पनवेल-विरार के बीच नया कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। इस कॉरिडोर से मुंबईकरों को काफी राहत मिलेगी और नया क्षेत्र भी विकसित होगा। इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे भी प्राथमिकता दी जा रही है।
मध्य रेलवे के कल्याण और आसनगांव के बीच चौथी लाइन बिछाकर उपनगरीय ट्रेनों के विस्तार का प्रस्ताव भी एमआरवीसी ने तैयार किया है। इसी तरह कल्याण-बदलापुर के बीच 5वीं-6ठीं लाइन बिछाने का प्रस्ताव भी है। एमयूटीपी-3 के अंतर्गत ही पिछले बजट में 3,555 करोड़ रुपये और 63 किमी के विरार-डहाणू कॉरिडोर चौहरीकरण की घोषणा की गई थी। पनवेल-कर्जत के बीच 28 किमी लंबे नए कॉरिडोर की बात हुई थी जिसके लिए 2,618 करोड़ रुपये तय किए गए थे। मध्य रेलवे पर 428 करोड़ रुपये की लागत वाले 3 किमी लंबे ऐरोली-कलवा लिंक के काम की शुरुआत हो चुकी है।
स्टेशनों पर राह होगी आसान
एलफिंस्टन हादसे के बाद मुंबई में स्टेशनों और प्लेटफॉर्म पर आवाजाही को सुगम बनाने पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। मौजूदा फुटओवर ब्रिज चौड़े करने और नए एफओबी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। स्टेशनों पर ट्रैसपासिंग रोकने के लिए लिफ्ट लगाने का काम तेजी से चल रहा है। भीड़ भरे स्टेशनों को और सुरक्षित करने के लिए मॉर्डन सीसीटीवी लगाने का काम भी तेजी से हो रहा है।
बजट 2018-19 में इन सभी कामों के लिए और पैसे मिलने की उम्मीद है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित पश्चिम और मध्य रेलवे के महाप्रबंधकों की बैठक हुई थी। इस बैठक में रेल परियोजनाओं को शहर की अन्य परिवहन व्यवस्थाओं से जोड़ने पर चर्चा की गई थी। मुंबई मेट्रो के सभी कॉरिडोर को उपनगरीय नेटवर्क से जोड़ने पर ध्यान दिया जाएगा। ऐसे में मौजूदा सीएसएमटी-पनवेल कोरिडोर को वडाला-पनवेल कॉरिडोर में परिवर्तित किया जा सकता है, क्योंकि सीएसएमटी से वडाला तक मेट्रो कॉरिडोर तैयार हो रहा है।
मुंबई का गुस्सा होगा ‘कूल’
उपनगरीय रूट पर रोजाना तकनीकी खराबियों के कारण ट्रेनों की समयबद्धता बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। ऐसे में सीबीटीसी प्रॉजेक्ट को हरी झंडी देने के साथ ही भविष्य में सभी ट्रेनें बंद दरवाजे की लाने का लक्ष्य होगा। यदि बंद दरवाजे की लोकल रही, तो एसी की जरूरत होगी। हाल ही में एमयूटीपी-3 ए में मुंबईकरों के लिए 210 एसी लोकल ट्रेनें खरीदने का प्रस्ताव रखा गया है।
इसकी वर्तमान लागत राशि 16,380 करोड़ और कुल अनुमानित लागत राशि 17,859 करोड़ रुपये हैं। पिछले बजट की घोषणा के बाद मुंबई रेल विकास निगम अलग से 47 ए.सी. रैक खरीद रहा है। इतने रैक बनाने के लिए बहुत पैसे चाहिए। बजट में सिर्फ घोषणा होगी और प्रतिवर्ष एक या दो एसी रैक देकर मुंबईकरों को ‘कूल’ करने की योजना होगी।