आरा, देश की रक्षा के लिए श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेने वाले पीरो (भोजपुर जिला, बिहार) के वीर सपूत शहीद मो. मोजाहिद खान का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इधर, मोजाहिद के बड़े भाई इम्तियाज ने आर्थिक मदद के तौर पर राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पांच लाख रुपये के चेक को यह कहते हुए वापस कर दिया कि उनका भाई देश के लिए कुर्बान हुआ है, न कि जहरीली शराब पीकर मरा है।
इम्तियाज ने कहा कि राज्य सरकार जहरीली शराब पीकर मरने वालों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देती है। देश के लिए शहादत देने वाले को उतनी ही राशि देने से दोनों में क्या फर्क रह गया? सरकार की नजर में एक शहीद की क्या यही अहमियत है? यदि ऐसा है तो हमें यह भीख नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि सम्मानजनक राशि मिले ताकि उसके माता-पिता सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। इम्तियाज ने कहा कि कुछ दिन पूर्व शहीद अशोक सिह की पत्नी को बिहार सरकार की ओर से 11 लाख रुपये का चेक दिया गया तो फिर उनके साथ ऐसा क्यों किया जा रहा? वहीं अपने लाल को अंतिम विदाई देने पीरो ही नहीं, जिले भर से हजारों लोग जुटे। चौक-चौराहे तिरंगे से पटे थे।
इससे पहले सुबह में सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान मोजाहिद खान का तिरंगे में लिपटा शव जैसे ही पीरो पहुंचा उनके अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा, मोजाहिद तेरा नाम रहेगा व मोजाहिद अमर रहे के नारे के बीच अश्रुपूर्ण नयनों से अपने सपूत को अंतिम विदाई दी।