बीजिंग, भारत से लगी सीमा पर चीन ने अपने पश्चिमी कमांड के तहत हवाई घेराबंदी कड़ी कर दी है। मीडिया रिपोर्ट में चीनी सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से बताया गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत से किसी भी खतरे का सामना करने के लिए ऐसा किया गया है।
चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने अपने नये साल और बसंत उत्सव की छुट्टियों में पश्चिमी पठार की ऊंचाइयों पर अपने युद्धक विमानों की तैनाती बढ़ा दी है। चीनी सेना ने हल्के और बहुआयामी युद्धक विमान जे-10 और सिंगल सीटर ट्विन इंजन फाइटर जेट जे-11 को तैनात किया है।
चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की वेबसाइट के मुताबिक, इन जेट विमानों को पीएलए की वायुसेना की पश्चिमी कमान से संबद्ध किया है। चीन ने हाल ही में वायुसेना में शामिल किए युद्धक विमान जे-20 को भी पहली बार इस क्षेत्र में तैनात किया है। चीनी पश्चिमी कमान मुख्यत: भारत से लगी सीमा के पर्वतीय क्षेत्र में तैनात रहती है। भारत और चीन के बीच एलएसी तिब्बती पठार समेत 3,488 किमी तक फैला हुआ है। चीन के लिए उसके पर्वतीय वायु क्षेत्र में सुरक्षा अहम मुद्दा है। चीन का कहना है कि भारत के पास तीसरी पीढ़ी के युद्धक विमान हैं। इसलिए सीमा पर 3.5 पीढ़ी के जेट विमानों की तैनाती से भारत से खतरा कम हो जाएगा। बताया जाता है कि चीन ने यह कदम भारत के फ्रांस से राफेल विमानों के सौदे के मद्देनजर उठाया है।