मुंबई
कुछ लोग किसी को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक पहुंच जाते हैं। हितेश बंगारी का किस्सा भी ऐसा ही है। उसे अपने बचपन के दोस्त का कत्ल करना था, पर उसने कत्ल की साजिश की तारीख उस दिन की चुनी, जिस दिन दोस्त की पत्नी का जन्म दिन था। वह जन्म दिन पर उसे उसके पति की लाश गिफ्ट में देना चाहता था। उसे मुंबई क्राइम ब्रांच ने घाटकोपर से गिरफ्तार किया।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, हितेश बंगारी रीयल एस्टेट के बिजनस से जुड़ा हुआ है। इस बहाने उसे पता रहता था कि कौन सी प्रॉपर्टी विवादास्पद है। वह ऐसी प्रॉपर्टी को बेहद सस्ते दाम पर खरीद लेता या पार्टनरशिप में ले लेता था और फिर इधर-उधर सेटिंग कर उसे बेच देता था। उसके पास अलीबाग, लोनावाला में फार्म हाउस है। उसने पुणे, डोंबिवली, कल्याण में भी कई प्रॉपर्टी खरीदी।
पुणे से आया था मुंबई
वह और उसका एक दोस्त अपने-अपने परिवार के साथ पहले पुणे में रहते थे। दोस्त का वहां स्टेशनरी का बिजनस था। 2012 में दोनों परिवार मुंबई शिफ्ट हो गए । दोस्त ने जोगेश्वरी में घर ले लिया जबकि खुद हितेश बंगारी ने घाटकोपर में। हितेश की पत्नी और उसके दोस्त की पत्नी भी बचपन की सहेलियां थीं। 2014 में किसी अज्ञात कारण से हितेश की पत्नी ने खुदकुशी कर ली।
दोस्त और उसकी पत्नी ने इसके बाद पुराने पारिवारिक संबंधों की खातिर हितेश की लगभग हर डिमांड पूरा की। इसी में हितेश ने बहाने से दोस्त और उसकी पत्नी से धीरे-धीरे 14 लाख रुपये कीमत के आभूषण एवं नकदी ले ली, लेकिन कभी लौटाया नहीं। इसी में दोनों परिवारों के बीच संबंध बिगड़ने शुरू हो गए। दोस्त से ज्यादा उसकी पत्नी ने रकम और आभूषण लौटाने का दबाव बनाया, इसलिए हितेश दोस्त की पत्नी से ज्यादा खुन्नस खा बैठा और उसे सबक सिखाने का फैसला किया।
वकील ने दिया सुराग
पुराने पारिवारिक संबंधों की वजह से उसे दोस्त की पत्नी का जन्म दिन पता था, जो 10 फरवरी को पड़ता है। हितेश का मुंबई में एक परिचित वकील है। वह जनवरी के तीसरे सप्ताह में उसके पास गया और उसे अपनी पूरी साजिश बताई। बताया कि वह दोस्त का मर्डर कर उसकी पत्नी को उसकी लाश उसकी बर्थ डे गिफ्ट के रूप में देगा। इसके बाद वह पुलिस में सरेंडर करेगा। उसने वकील से अनुरोध किया कि इसके बाद वह उसे कानूनी पेंचों से निकालने का काम करे। वकील ने उसकी बात को गंभीरता से लिया नहीं। सोचा, लगता है आज इसने या तो पी ली है या इसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है।
मुंबई एयरपोर्ट पर मुलाकात
8 फरवरी को इस वकील को किसी काम से दिल्ली जाना था। उस दिन फिर हितेश का फोन आ गया। उसने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की। वकील ने उसे मुंबई एयरपोर्ट के बाहर बुला लिया। यहां हितेश ने फिर दोहराया कि दो दिन बाद उसके दोस्त की पत्नी का बर्थ डे है। वह उस दिन दोस्त का कत्ल करने वाला है। वकील ने एक फिर उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसे बस थोड़ा सा डांटा और घर जाने को कहा। बाद में वह दिल्ली जानेवाली फ्लाइट में बैठ गया।
मुंबई सीपी को ई-मेल
9 फरवरी को वकील को लगा कि अगले दिन कहीं हितेश ने वाकई कत्ल कर दिया, तो क्या होगा? इसके बाद वकील ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को ई-मेल किया और हितेश की इस साजिश की पूरी जानकारी लिख दी। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-वन के सीनियर इंस्पेक्टर वागवे, विनायक मेर और मनीषा चिंचोलकर की एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम ने वकील को फौरन कॉल किया। उससे हितेश बंगारी का मोबाइल नंबर लिया और फिर हितेश के मोबाइल के सीडीआर से उसके दोस्त का नंबर निकाला। इस दोस्त को 9 फरवरी को देर रात फोन किया गया और अगले दिन मुंबई पुलिस मुख्यालय में क्राइम ब्रांच यूनिट-वन के दफ्तर आने को कहा गया। क्राइम ब्रांच की कॉल से वह घबरा गया। पूछा कि आप मुझे आखिर क्यों बुला रहे हैं? यह भी कहा कि कल मेरी पत्नी का बर्थ डे है, इसलिए मेरा उसे कहीं बाहर ले जाने का प्लान है। मैं किसी और दिन आपके पास आ जाता हूं।
सुनाई कर्ज की कहानी
बर्थ डे की बात सुनकर क्राइम ब्रांच टीम समझ गई कि लगता है कत्ल की टिप की खबर सही है। मामला गंभीर मानकर क्राइम ब्रांच ने हितेश के दोस्त को अब कहा कि तुम कल नहीं, आज अभी आ जाओ। इसके बाद दोस्त उसी रात क्राइम ब्रांच अधिकारियों के पास पहुंचा। जांच टीम ने उससे हितेश बंगारी की पूरी पृष्ठभूमि पूछी। उसी में उसकी 14 लाख रुपये के कर्ज और इस कर्ज लेने वाले से पारिवारिक रिश्तों की कहानी पता चली। इसके बाद हितेश को उसके ठिकाने से उठाया गया। उसकी गाड़ी से एक चापर मिला, जिससे वह अपने दोस्त का कत्ल कर उसकी लाश को उसकी पत्नी को गिफ्ट करना चाहता था। पत्नी को जन्म दिन पर गिफ्ट तो मिली, पर यह गिफ्ट वह हथकड़ियां थीं, जिन्हें पहनाकर हितेश को सलाखों के पीछे भेजा गया था।