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सीबीआई ने पांच बैंकों से ‘नोस्ट्रो खातों’ में लेन-देन का ब्योरा मांगा

नई दिल्ली
सीबीआई ने पांच बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) से पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के ‘नोस्ट्रो खातों’ में वित्तीय लेन-देन का ब्योरा मांगा है। पीएनबी की ओर से आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को जारी किए गए 293 फर्जी शपथ-पत्र (एलओयू) के आधार पर ‘नोस्ट्रो खातों’ में हुए वित्तीय लेन-देन का ब्योरा देने को कहा गया है। ‘नोस्ट्रो खाता’ उसे कहते हैं जिसमें कोई बैंक किसी अन्य विदेशी बैंक में विदेशी मुद्रा में रखता है ताकि उसके ग्राहक विदेश व्यापार कर सकें अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने जांच की शुरुआत के वक्त अग्रणी कानूनी फर्म ‘सिरिल अमरचंद मंगलदास’ से नीरव मोदी से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे किए हैं। उन्होंने बताया कि नीरव मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तलाशियों के दौरान सीबीआई को लगा कि कुछ फाइलें कानूनी फर्म के पास हो सकती हैं। इसके बाद इस महीने की शुरुआत में एक टीम फर्म के दफ्तर गई और उन दस्तावेजों को इकट्ठा किया।

सीबीआई ने आज पीएनबी के उन तीन महाप्रबंधकों से पूछताछ की जिन्होंने बैंक के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रभाग और खजाना विभाग को संभाला था। एजेंसी ने उनकी पहचान का खुलासा नहीं किया। अधिकारियों ने बताया कि इन विभागों को संभाल रहे महाप्रबंधकों को बैंक के ‘नोस्ट्रो खातों’ में हो रहे लेन-देन की सूचना रोजाना मिलती है। सीबीआई ने कैनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक को पत्र लिखकर एलओयू के आधार पर पीएनबी के ‘नोस्ट्रो खातों’ में वित्तीय लेन-देन का ब्योरा मांगा है।

इन बैंकों की एंटवर्प, फ्रैंकफर्ट, मॉरिशस, हांगकांग और बहरीन स्थित विदेशी शाखाओं ने मोदी और चोकसी को जारी की गई गारंटियों (एलओयू) के आधार पर पीएनबी के ‘नोस्ट्रो खातों’ में 11,400 करोड़ रुपए डाले थे। एजेंसी ने अब न्यायिक अधिकारियों को पत्र लिखकर इन लेन-देन का ब्योरा मांगा है ताकि पता चल सके कि 11,400 करोड़ रुपए कहां से आए और कहां गए। सीबीआई ने बैंक के कार्यकारी निदेशक के वी ब्रह्माजी राव से आज लगातार तीसरे दिन पूछताछ की।

इस बीच, एजेंसी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों के आला अधिकारियों के खिलाफ 10 से ज्यादा लुक आउट सर्कुलर जारी कर चुकी है ताकि उनकी गतिविधियों को सीमित किया जा सके। एजेंसी के शीर्ष नेतृत्व ने जांच टीमों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बैंक धोखाधड़ी के मामलों में जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो। ये निर्देश उन खबरों के बाद जारी किए गए जिनमें कहा गया कि एजेंसी ने पहले कुछ मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी लंबा इंतजार किया।

सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने इन जांच के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं कि बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच समयबद्ध रूप से पूरी हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन घोटालों में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाए।’

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