वाशिंगटन, मंगल ग्रह की मिट्टी में सूक्ष्म जीवों का संसार छुपा हो सकता है। एक शोध में वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह के वातावरण से मिलते-जुलते दक्षिणी अमेरिका के अटाकामा रेगिस्तान में जीवन की खोज की है। अमेरिका की वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस रेगिस्तान में विशेष प्रकार का बैक्टीरिया खोजा है।
पृथ्वी के इस सबसे शुष्क क्षेत्र में रहने वाला यह बैक्टीरिया लंबे समय तक निष्कि्रय रहने के बाद फिर से जी उठता है। वैज्ञानिक यह पता करने में जुटे थे कि यह क्षेत्र सूक्ष्म जीवों का स्थायी आवास है या नहीं। प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में छपे शोध में साफ हो गया कि विश्व के सबसे प्रतिकूल वातावरण में भी सूक्ष्म जीव जीवित रह सकते हैं। 2015 में शोधकर्ताओं ने पहली बार अटाकामा पर शोध किया था। वहां से जुटाए गए मिट्टी के नमूनों के जीनोम का विश्लेषण किया गया। शोध में वैज्ञानिकों ने कई सूक्ष्म जीवों की प्रजाति का पता लगाया जो उस अवस्था में भी जीवित थे। 2016 और 2017 में दोबारा उस क्षेत्र का अध्ययन किया गया। इस शोध में सामने आया कि मिट्टी में नमी खत्म होने के बाद सूक्ष्म जीव निष्कि्रय हो जाते हैं। बारिश होने पर यह बैक्टीरिया वापस जीवित हो जाता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इस अध्ययन से जुड़े डिर्क स्कुलजे-माकुच ने कहा, ‘मंगल पर अरबों वर्ष पूर्व समुद्र और झरने मौजूद थे। पानी के स्रोत सूख जाने के बाद वहां की सतह अटाकामा मरुस्थल की तरह ही सूखी, लेकिन अधिक ठंडी हो गई। यदि वहां कभी जीवन था तो आज भी वहां की मिट्टी में सूक्ष्म जीवों का संसार बचा होगा। नए शोध के परिणाम इसी ओर संकेत कर रहे हैं।’