मुंबई
बॉम्बे अस्पताल, जसलोक, हिंदुजा, लीलावती और कोकिलाबेन जैसे कई बड़े अस्पतालों में गरीब मरीज मुफ्त में इलाज पा सकते हैं, लेकिन सरकार और चैरिटी कमिशन की ऐसी योजनाओं की जानकारी न होने की वजह से लोग इन अस्पतालों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। मुंबई में ऐसे 78 अस्पताल हैं, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए मुफ्त में और कुछ को किफायती शुल्क देकर इलाज मिलता है। राज्यभर में ऐसे 430 अस्पताल हैं। इनमें से अकेले मुंबई में 18 प्रतिशत हैं। इन अस्पतालों में गरीबों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित रखे गए हैं। चैरिटी कमिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2006 से दिसंबर 2017 के बीच राज्यभर में 70,94,547 गरीब मरीजों को चैरिटी अस्पतालों में उपचार दिया गया है। पिछले साल राज्यभर के इन अस्पतालों में 3 लाख गरीब मरीजों ने इलाज लिया, जबकि मुंबई के 18 प्रतिशत चैरिटी अस्पतालों में पिछले 11 साल में सिर्फ 4,56,705 गरीब मरीजों (6 प्रतिशत) ने इलाज लिया है। इससे पता चलता है कि मुंबई में इन अस्पतालों के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है।
नहीं मिलती जानकारी
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बताया कि लोगों को चैरिटी अस्पतालों की जानकारी ही नहीं है। इसके चलते वे निजी अस्पतालों में अधिक पैसे खर्च कर इलाज कराते हैं। गौरतलब है कि चैरिटी अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित रखे जाते हैं। नाम न लिखने की शर्त पर एक चैरिटी अस्पताल के एक ट्रस्टी ने बताया कि जरूरतमंद मरीजों को योजना का फायदा दिलाने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं दिखती।
नहीं सुझाते विकल्प
चैरिटी कमिशन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी और राज्य सरकार के अस्पतालों से भी हमें मदद नहीं मिलती। ऐसे अस्पतालों को साफ निर्देश हैं कि अगर कोई मरीज चैरिटी कमिशन के मापदंडों पर फिट बैठता है, तो उसे चैरिटी अस्पतालों के बारे में बताएं। चैरिटी अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए आरक्षित बेड्स की जानकारी सिर्फ जेजे, केईएम, सायन और नायर अस्पतालों में लगाई गई है। यह जानकारी एलईडी पर प्रसारित होती रहती है।
काम नहीं करती मशीन
मरीजों को बेड्स की जानकारी के लिए अस्पतालों में एलईडी टीवी तो लगाई गई हैं, लेकिन कई जगह या तो ये बंद हैं या अपडेट नहीं हैं। केईएम अस्पताल में लगी टीवी पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ी है। इसे बनाने के लिए चैरिटी कमिशन को सूचित किया जा चुका है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपडेट की जाने वाली जानकारियां टीवी पर काफी देरी से आती हैं।
किसे मिल सकता है फायदा
– आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को दो तरीके से चैरिटी अस्पतालों में उपचार दिया जाता है।
– जिनकी सालाना आय 85,000 रुपये या इससे कम है, उन्हें चैरिटी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलता है।
– जिन मरीजों की सालाना आय 85,001 से 1,60,000 रुपये तक है, उन्हें आधे दाम पर उपचार दिया जाता है।
– मुंबई के चैरिटी अस्पतालों में कुल 8818 बेड्स
– इसमें से आरक्षित बेड्स हैं 1768
– इसका 10 प्रतिशत बेड्स 85,000 रुपये से कम आय वालों के लिए आरक्षित
– बाकी 10 प्रतिशत 85,001 से 1,60,000 रुपये तक की आय वालों के लिए आरक्षित
शहर के प्रमुख चैरिटी अस्पताल
-बॉम्बे अस्पताल
-ब्रीच कैंडी अस्पताल
-हॉली फैमिली अस्पताल
-कोकिलाबेन अस्पताल
-जसलोक अस्पताल
-हिंदुजा अस्पताल
-लीलावती अस्पताल
-प्रिंस अली खान अस्पताल
-वाडिया अस्पताल
-सैफी अस्पताल
-केजे सोमैया अस्पताल
(राज्य के सभी चैरिटी अस्पतालों और वहां आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए आरक्षित बेडेस की जानकारी चैरिटी कमिशन की वेबसाइट charity.maharashtra.gov.in/en-us/ पर उपलब्ध है।