Friday, December 13metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

प्लास्टिक बंदी की मार, धंधा बेजार

मुंबई
पर्यावरण संरक्षण के नजरिए से प्लास्टिक बंदी के निर्णय का स्वागत तो हो रहा है, लेकिन पर्याप्त विकल्प के अभाव में इसकी मार व्यापारियों पर पड़नी शुरू हो गई है। रेस्तरां और दूध केंद्रों के अलावा अन्य व्यापारी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। पार्सल में सामान भेजने वालों का धंधा तो काफी मंदा हो गया है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि कुछ महीनों में लोगों को इसकी आदत लग जाएगी और नए विकल्प कारोबार को संभाल लेंगे।

प्लास्टिक बंदी का सबसे ज्यादा असर रेस्तरां पर पड़ा है, जहां से पार्सल में खाना ले जाने वाले 70 प्रतिशत ग्राहक कम हो गए हैं। उनके ‘ऑर्डर’ पर प्लास्टिक के बदले कागज या बटर पेपर की थैलियां तो मिल रही हैं, लेकिन असल समस्या खाद्य सामग्री को लेकर है। सब्जी और दाल जैसे खाद्य पदार्थ देने के लिए प्लास्टिक की थैलियों का विकल्प नहीं मिल रहा है।

सीपी टैंक स्थित ‘खिचड़ी सम्राट’ के मालिक बिपिन अग्रवाल कहते हैं, ‘हमारे 70 प्रतिशत पार्सल वाले ग्राहक लौट रहे हैं। घरों से ऑर्डर बुक करने वालों की संख्या भी कम हो गई है।’ एक ग्राहक मोहन का कहना है, ‘सब्जी और अनाज जैसी चीजें तो लोग कपड़े की थैली में ले जाएंगे, लेकिन स्ट्रॉ और पार्सल के लिए डब्बे का विकल्प तैयार करना जरूरी है। कचरे के डिब्बे में रखी जाने वाली थैलियों का भी विकल्प निकालना जरूरी है।’

Spread the love