मुंबई
म्हाडा (महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की इस वर्ष की लॉटरी में गरीबों की बल्ले-बल्ले होने वाली है, क्योंकि लॉटरी में गरीबों के लिए 80 प्रतिशत घर आरक्षित रखे गए हैं। ज्ञात हो कि म्हाडा की पिछली कई लॉटरियों में गरीबों के लिए घरों की संख्या न के बराबर थी। इससे सबक लेते हुए म्हाडा ने इस वर्ष की लॉटरी में गरीबों का कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया है। उच्च आय के केवल दो घर
म्हाडा ने वर्ष 2018 की मुंबई बोर्ड की लॉटरी के लिए 1001 घर शामिल करने का निर्णय लिया है। एनबीटी के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार, इसमें निम्नतम आय वालों के लिए के लिए 283 घर,जबकि अल्प आयवालों के लिए 500 घर शामिल करने का निर्णय लिया है। वहीं मध्यम आयवर्ग के लिए 216 घर, जबकि उच्च आयवर्ग के लिए मात्र 2 घर शामिल करने का निर्णय लिया है। कुल घरों की संख्या 1001 है।
इस बार 80 प्रतिशत गरीबों के लिए
मुंबई में खुद का आशियाना होने का सपना तो हर कोई देखता है। लेकिन घरों की आसमान छूती कीमतों के कारण कम लोगों का ही यह सपना पूरा हो पाता है। ऐसे में लोगों की आखिरी उम्मीद म्हाडा की लॉटरी से होती थी। पिछली कई लॉटरियों में कम आय वालों के लिए घरों की संख्या कम होती जा रही थी, और उच्च और मध्यम आय वर्ग के घरों की संख्या अधिक होती थी। इसका हाउसिंग विशेषज्ञों शुरू से विरोध किया था।
म्हाडा की वर्ष 2017 की लॉटरी में अत्यल्प आयवर्ग के लिए घरों की संख्या 8 ही थी। इस पर म्हाडा की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे थे। इससे सबक लेते हुए म्हाडा ने इस लॉटरी में गरीबों के लिए 80 प्रतिशत घर आरक्षित रखे हैं। म्हाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंद म्हैस्कर ने बताया, ‘हम म्हाडा लॉटरी के लिए घरों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। अब तक 1001 घर लॉटरी के शामिल हो पाए हैं। जल्द ही इसके लिए विज्ञापन जारी कर लॉटरी की तिथि बताया जाएगी।’