मुंबई
म्हाडा की पुरानी कॉलोनियों का पुनर्विकास बीडीडी चॉल के पुनर्विकास की तर्ज पर किए जाने की बात गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने कही है। इससे परियोजना को गति मिलेगी। साथ ही म्हाडा की झोली में 15000 हजार नए घर शामिल होंगे। इस परियोजना से 80 हजार लोगों को नए घर मिलने की उम्मीद बंधी है। इसके लिए म्हाडा निविदा प्रक्रिया कर पुनर्विकास का ठेका देने की बात मेहता ने कही है। ज्ञात हो कि मुंबई महानगर में अलग-अलग जगहों पर म्हाडा की 56 पुरानी कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों का पुनर्विकास डीसीआर 33(5) के तहत किया जाना है। 56 कॉलोनियों में कुल 3704 इमारतें हैं। इनमें 80,000 परिवार रहते हैं। ये इमारतें जर्जर अवस्था में हैं। इसके अलावा निवासियों के बड़े घर की आवश्यकता को देखते हुए म्हाडा ने इन कॉलोनियों के पुनर्विकास का निर्णय लिया था लेकिन डिवेलपरों और म्हाडा के बीच विवाद के कारण पुनर्विकास परियोजना अधर में लटक गई थी। यह विवाद 7 साल बाद सुलझाया गया है। इसके लिए डीसीआर में बदलाव भी किया गया है। बावजूद इसके म्हाडा की कॉलोनियों के पुनर्विकास को रफ्तार नहीं मिल पाई है।
म्हाडा खुद करेगी पुनर्विकास
गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने बताया कि म्हाडा खुद इन कॉलोनियों के पुनर्विकास पर काम कर रही है। इसके लिए म्हाडा बीडीडी चॉल के पुनर्विकास फॉर्मूले पर काम कर रही है। म्हाडा खुद निविदा प्रक्रिया कर पुनर्विकास का ठेका डिवेलपर को देगी। मेहता ने बताया कि यदि ऐसा होता है तो म्हाडा 15000 से अधिक घर बना लेगी। इसका उपयोग मुंबई बोर्ड की लॉटरी में किया जाएगा।
55 में से 15 लेआउट मंजूर
जानकारी के अनुसार, 55 लेआउट बीएमसी में मंजूरी के लिए गए हैं लेकिन म्हाडा और बीएमसी के बीच एफएसआई को लेकर मामला अटका है। हालांकि, बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 55 प्रस्तावों में से 15 लेआउट को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) दे दिया गया है, जबकि म्हाडा द्वारा 5 सोसायटियों को ऑफर लेटर दे दिया गया है। जैसे ही प्रीमियम भरा जाएगा, म्हाडा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दे देगी।
स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी की मांग
मेहता ने बताया कि म्हाडा की पुनर्विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए हमने 2017 में राज्य सरकार के पास स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी का प्रस्ताव भेजा था, जिसकी मंजूरी अंतिम चरण में है। यदि म्हाडा को यह मंजूरी मिलती है, तो म्हाडा दक्षिण मुंबई में स्थित 9000 सेस इमारतों के पुनर्विकास को भी रफ्तार दे सकेगी।
क्या था विवाद…
– म्हाडा और डिवेलपर के बीच हाउसिंग स्टॉक और प्रीमियम के मुद्दे को लेकर 2010 में विवाद हो गया था।
– 2010 से पहले इन इमारतों के पुनर्विकास के एवज में डिवेलपर म्हाडा को हाउसिंग स्टॉक अथवा प्रीमियम देता था।
– घरों की किल्लत को देखते हुए म्हाडा ने डिवेलपरों को हाउसिंग स्टॉक देना अनिवार्य कर दिया था।
– सितंबर 2016 में जारी नई आवास नीति में इस विवाद का निबटारा किया गया था।
– 4000 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर प्रीमियम या फिर हाउसिंग स्टॉक दोनों दे सकते हैं।
– परियोजना के लिए 3 एफएसआई दी जाएंगी।
– 4000 वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर 4 एफएसआई दी जाएंगी, इसके लिए वह म्हाडा को हाउसिंग स्टॉक देगा।