पुणे
यह किडनैपिंग का एक अलग मामला था जहां अपहर्ता पैसों के बजाय बंधक के परिवार से अपनी प्रेमिका की मांग कर रहा था। हालांकि पुलिस ने किडनैपर की साजिश को विफल करते हुए सोमवार सुबह पुणे रेलवे स्टेशन से बंधक को बचा लिया। तेलंगाना के वानपर्ति जिले के कोथाकोटा से एक 8 साल के बच्चे को अगवा कर लिया गया था। अंतरराज्यीय ऑपरेशन के तहत तेलंगाना पुलिस ने 24 घंटे के अंदर उसे रिहा करा लिया। महबूबनगर जिला निवासी 23 साल के वामसी कृष्ण ने कोथाकोटा के भारतीय विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी में पढ़ने वाले रतलावत चंद्रु नायक का अपहरण कर लिया था। आरोपी का बच्चे की बुआ से अफेयर था जो हैदराबाद के शिवरामपल्ली इलाके में रहती थी। हाल ही में उसके परिवार को इस बारे में पता चला था। तब महिला के परिवार वालों ने वामसी की पिटाई की और उसे कभी वहां दिखाई न देने की चेतावनी दी थी।
इससे अपमानित महसूस कर रहे वामसी कृष्णा ने 7 अप्रैल को बच्चे के स्कूल जाकर स्टाफ से चंद्रू की मां का ऐक्सिडेंट होने की बात कही और चंद्रू को अपने साथ ले जाने के लिए बोला। जब बच्चे और उसके दो भाइयों ने स्टाफ को बताया कि वामसी उसका पड़ोसी है तो स्कूल प्रशासन भी उन्हें साथ में भेजने को तैयार हो गया।
पुणे रेलवे स्टेशन पर उतरते समय पकड़ा गया आरोपी
कोथाकोटा बस स्टेशन में वामसी ने दोनों बड़े भाइयों को वहां इंतजार करने को बोलकर चंद्रू को अपने साथ लेकर चला गया। थोड़ी देर वापसी ने चंद्रू के घर पर फोन कर बच्चे को अपने कब्जे में लेने का दावा किया। इसके बाद वह बच्चे के बदले में अपने लेडी लव की मांग करने लगा। लगातार फिरौती कॉल से परेशान पीड़ित परिवार ने किडनैपिंग केस रजिस्टर कराया।
वानपर्ति जिले के इनचार्ज एसपी रेमा राजेश्वरी ने तुरंत स्पेशल टीम गठित करते हुए बच्चे को छुड़ाया। पुलिस ने किडनैपर का महाराष्ट्र तक पीछा किया। तब आरोपी के ट्रेन से सफर करने की जानकारी मिली। तेलंगाना पुलिस ने तुरंत शोलापुर पुलिस और आरपीएफ जासूस को अलर्ट किया। टीम का नेतृत्व कर रहे कोथाकोटा के सोमानारायण सिंह भी पुणे रवाना हुए थे।
पुणे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरकर बच्चे के साथ भागने का प्रयास करते वक्त आरोपी को पकड़ा गया और उसे गिरफ्तार कर बच्चे को छुड़ा लिया गया।