मुंबई
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बनने वाली पेट्रोलियम रिफाइनरी के लिए शिवसेना के विरोध को दरकिनार कर मोदी सरकार ने इससे जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बुधवार को दिल्ली में सऊदी अरब की कंपनी ‘अरामको’ के साथ यह करार हुआ है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी। बता दें कि सऊदी कंपनी इस रिफाइनरी के निर्माण में 50 प्रतिशत की हिस्सेदार है, बाकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की है। कोंकण में समुद्र के किनारे बसे नाणार गांव बनने वाली इस रिफाइनरी का शिवसेना विरोध कर रही है।
सीएम से मिले थे उद्धव ठाकरे
इसके लिए शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे स्थानीय नागरिकों को साथ लेकर मुख्यमंत्री से मिले थे। उस वक्त मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया था कि गांव वालों का विरोध होगा, तो रिफाइनरी नहीं बनेगी। शिवसेना के विरोध के चलते ही मुंबई में हुए मैग्नेटिक महाराष्ट्र कार्यक्रम में यह करार नहीं हो पाया था।