15 साल का अनीष भानवाला जब शूटिंग रेंज में होता है तो निशाने इतने सधे हुए होते हैं कि उसकी कम उम्र का अहसास ही नहीं होता. अनीष ने आज कॉमनेवल्थ गेम्स 2018 में आज भारत के लिए 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट का स्वर्ण पदक जीता. वे कॉमनवेल्थ गेम्स के भारत के सबसे कम उम्र के पदक जीतने वाले खिलाड़ी हैं.कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतने के बाद अनीश को अब अपने गणित के पेपर की चिंता सता रही है. भारत लौटने के तुरंत बाद उन्हें 10वीं परीक्षा देनी है. हरियाणा के इस युवा ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में स्वर्ण जीतने के दौरान इन खेलों का नया रिकॉर्ड भी बनाया. अब उनके पास रिकॉर्ड स्वर्ण पदक है लेकिन अब वह एक और परीक्षा को लेकर चिंतित हैं. अनीष ने कहा, ‘मुझे भारत पहुंचने के तुरंत बाद दसवीं की परीक्षा देनी है. उसमें हिन्दी, सामाजिक विज्ञान और गणित के पेपर होने हैं. मैं गणित को लेकर थोड़ा चिंतित हूं. मैंने उसकी खास तैयारी नहीं की है.’उन्होंने कहा, ‘मुझे अब लगातार तीन दिन तक उस पर ध्यान देना होगा.’केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अनीष के लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था की है.अनीश मैक्सिको आईएसएसएफ वर्ल्डकप और सिडनी में आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्डकप का हिस्सा थे और इसके बाद उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना पड़ा.उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि उन्होंने (सीबीएसई) ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया उस पर मैं खरा उतरा. यह अच्छा लग रहा है। उन्होंने मेरे लिये बहुत बड़ा फैसला किया.’
अनीष ने कहा, ‘मुझे पदक की पूरी उम्मीद थी क्योंकि अन्य टूर्नामेंटों में भी मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था. नाम बदलते रहे लेकिन मैंने वही परिणाम हासिल किए.’ सोनीपत के गोहाना कसांडी गांव में जन्मे अनीष का पहला प्यार निशानेबाजी नहीं है. उन्होंने 2013 में अंडर-12 माडर्न पैंटाथलन वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2015 में एशियाई पैंटाथलन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था. पैंटाथलन में निशानेबाजी, तैराकी, तलवारबाजी, घुड़सवारी और क्रास कंट्री दौड़ शामिल होती है. आखिर में इनमें से अनीष से निशानेबाजी को अपनाया.उन्होंने कहा, ‘मुझे रेंज में मजा आता है. अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव में मैं बेहतर परिणाम हासिल करता हूं. यहां क्वालीफिकेशन में मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और मैं उसकी भरपाई फाइनल में करने के लिये प्रतिबद्ध था. मैं वास्तव में दबाव का पूरा आनंद उठाता हूं.