मंबई
मुंबई पुलिस ने 2.5 लाख रुपये चोरी के एक मामले में पिछले दिनों ठक-ठक गिरोह के एक सरगना को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने कहा कि उसे हिंदी नहीं आती है और वह केवल तमिल में बोलता रहा। परेशान पुलिस ने आखिरकार उसके बेटों की कुंडली उसके सामने रख दी। पुलिस ने बताया कि उन्हें पता है कि उसके बेटे डॉक्टर और इंजीनियर हैं। साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर उसने जांच में सहयोग नहीं किया तो बेटों को समन भेज देंगे। यह दांव काम कर गया और आरोपी रवीचंद्रन मुदालियर ने न सिर्फ हिंदी में बात शुरू कर दी बल्कि चोरी के बारे में भी पूरी जानकारी दी।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस के मुताबिक ठक-ठक गिरोह की तरफ से चोरी के लिए जो समान्य तरीका अपनाया जाता है उसमें ज्यादातर बार वे किसी कार सवार को निशाना बनाते हैं। कार के दरवाजे को पीटकर कोई एक सदस्य ड्राइवर को गाड़ी से तेल टपकने या किसी दुर्घटना की जानकारी देता है। ड्राइवर जैसे ही शीशा नीचे करता है या कार से उतरता है, गैंग के अन्य सदस्य उस पर टूट पड़ते हैं। इसके बाद महंगा सामना लेकर फुर्र हो जाते हैं।
जूलरी डिजाइनर ने कराई थी शिकायत दर्ज
नए मामले में पिछले महीने दक्षिण मुंबई के एक जूलरी डिजाइनर ने पुलिस में कार में लूट की शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने उनकी गाड़ी से तेल टपकने की शिकायत की और जब वह चेक करने के लिए बाहर आईं तो कुछ लोग कार में रखी उनकी जूलरी लेकर फरार हो गए।
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें रवीचंद्रन भी शामिल था। मुदालियार मार्च 2017 में कैश वैन से 1.6 करोड़ रुपये की लूट के पुराने मामले में भी आरोपी है।
बेटों की पड़ताल आई काम
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, हमने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ शुरू की लेकिन आरोपी सहयोग नहीं कर रहे थे। मुदालियार केवल तमिल में बात कर रहा था। पहले हमने आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में लिया। सहयोग नहीं मिलने पर हमने कोर्ट से 4 दिन की और इजाजत ली। इस बीच हमने कॉल डिटेल्स खंगाले। इससे मालूम चला कि वह गोवंडी में रहता है। वहां से हमने दो लोगों को पहचान के लिए लाया। उन्होंने पहचान भी की, लेकिन मुदालियार फिर झांसा देने लगा।’
अधिकारी ने आगे बताया, ‘इसके बाद हमने और पड़ताल की। इस पड़ताल में पता चला कि उसकी पत्नी और तीन बेटे नवी मुंबई में रहते हैं। उसका बड़ा बेटा डॉक्टर है। दूसरा बेटा मर्चेंट इंजिनियर है जबकि छोटा बेटा होटेल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है।’
फिलहाल जेल में है आरोपी
अधिकारी ने कहा, ‘इस सूचना के मिलने के बाद हमने उससे दोबारा पूछताछ शुरू की। जब हमने बेटों की जानकारी उसके सामने रखी तो वह भौंचक्का रह गया। इसके बाद वह टूट गया। उसने हिंदी में बात की और अपराध के बारे में बताया। हमने उसके पास से करीब 1.5 लाख रुपये की जूलरी बरामद कर ली है। आरोपी फिलहाल जेल में बंद है।’