मुंबई
पुलिस द्वारा ‘नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान’का ही असर है कि मुंबई की अंबोली पुलिस और ऐंटि नार्कोटिक्स सेल ने मांटुगा और बदलापुर में ड्रग्स बेचने और बनाने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया जॉइंट सीपी देवेन भारती, जोन-9 के डीसीपी परमजीत सिंह दाहिया और सीनियर पीआई बी. गायकवाड़ के मार्गदर्शन में पीएसआई दया नायक ने कार्रवाई को अंजाम दिया, जबकि एएनसी के बांद्रा यूनिट ने डीसीपी शिवदीप लांडे के नेतृत्व में मुंबई से राजस्थान भेजे जा रहे हेरोइन की खेप का पर्दाफाश किया। एएनसी ने महेंद्र मेघवाल को गिरफ्तार किया, जबकि अंबोली पुलिस ने कुख्यात ड्रग्स तस्कर नारायणदास पटेल समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें 17 अप्रैल तक कोर्ट से पुलिस रिमांड मिली है।
कैसे हुआ खुलासा
पीएसआई दया नायक ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर 13 अप्रैल को उनकी टीम ने 27 साल के ड्रग्स पैडलर हुसैन शेर मोहम्मद शाह को गिरफ्तार किया, जिससे 300 ग्राम तरल रूप में एमडी ड्रग्स मिला। पूछताछ में पता चला कि यह ड्रग्स ठाणे के बदलापुर में किसी शारदा केमिकल नामकर कारखाने में बनता है। उसकी सूचना पर उन्होंने बदलापुर स्थित शारादा केमिकल कंपनी का पता लगाया और उपयुक्त मौका देख कंपनी पर छापा मारा। बंद पड़े कारखाने के अंदरूनी हिस्से में एक जगह पर छोटे से कमरे में मुख्य आरोपी पटेल अपने दो कर्मचारियों के साथ तरल रूप में मफेड्रीन बना रहा था, जिसे पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। वहां से 25-25 लीटर के 3 नीले गैलन में भरे हुए मफेड्रीन यानी कुल 75 लीटर मफेड्रीन को पुलिस ने जब्त किया।
17 घंटे तक चली कार्रवाई
अंबोली पुलिस के अनुसार, दया नायक की टीम द्वारा करीब 17 घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान शारदा केमिकल कारखाने के अंदर से मफेड्रीन बनाने वाले उपकरण, कच्चा माल, विभिन्न प्रकार के रसायन और अन्य सामान मिला। सालों से बंद पड़े इस कारखाने का दरवाजा हमेशा बंद रहता है। कारखाने में कभी दवाई बनती थी, मगर अभी वहां दवाई बनाने वाले सभी उपकरण जंग लगकर खराब और बंद पड़े हुए हैं।
पहले भी पकड़ा गया
कुख्यात ड्रग्स तस्कर व मुख्य आरोपी नारायणदास पटेल को डीआरआई ने 300 ग्राम मादक पदार्थ बेचने के आरोप में पहले भी पकड़ा था। इस आरोप में वह 14 महीने तक जेल में बंद रहा और हाल ही में जेल से छूटने के बाद दोबारा मौत की दवाई तैयार करने लगा।
जूस के रूप मेंइस्तेमाल
एएनसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नशा करने वाले युवाओं द्वारा तरल रूप में मफेड्रीन का इस्तेमाल जूस, शरबत या इंजेक्शन के रूप में किया जाता है। इस वजह से तरल मफेड्रीन ठोस मफेड्रीन से काफी कीमती होती है। इस वजह से नशे के बाजार में इस ड्रग्स की काफी मांग है।