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आंध प्रदेश की थी बच्ची, जल्द होगा मां-बाप का डीएनए टेस्ट

सूरत
गुजरात के सूरत में हुए दुष्कर्म मामले में पीड़िता की पहचान हो गई है। बच्ची आंध्र प्रदेश की बताई गई है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपने घर से पिछले साल अक्टूबर से गायब थी। बच्ची से हैवानियत के इस मामले को लेकर नाराज लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने कहा, ‘पीड़िता के घर वाले सूरत पहुंच चुके हैं और जल्द ही बच्ची की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा।’ बता दें कि 11 साल की इस बच्ची से रेप करने के बाद हत्या कर दी गई थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के शरीर पर 86 चोटों के निशान पाए गए। इससे पहले पुलिस को जियाव बुडिया रोड के पास क्रिकेट ग्राउंड में झाड़ियों के पीछे बच्ची का शव मिला था। सूत्रों के मुताबिक, बच्ची को आठ दिन तक बेरहमी से पीटा गया, रेप किया गया और फिर उसे जान से मार दिया गया था। बच्ची के साथ की गई क्रूरता जिस हालत में उसकी लाश मिली थी, उससे पता लगाई जा सकती है। बच्ची का मुंह खुला था। उसके चेहरे, हाथ, पैर और पीठ पर बांधे जाने के निशान थे। उसके प्राइवट पार्ट्स पर भी चोटें पाई गई हैं। यही नहीं उसके दांतों और नाक पर भी खून जमा हुआ था। हैवानियत की शिकार मासूम के गालों पर सूखे आंसू पाए गए हैं, जिससे समझा जा सकता है कि बच्ची को कितनी पीड़ा उठानी पड़ी होगी।

गला दबाने से मौत
पुलिस ने बताया कि डॉक्टरों की जांच में बच्ची की मौत गला दबाने पर दम घुटने के कारण हुई है। सूरत के सिविल अस्पताल में फरेंसिक विभाग के हेड गणेश गोवेकर ने बताया कि बच्ची को लगी चोटें किसी लकड़ी के हथियार के इस्तेमाल की ओर इशारा करती हैं। उसके घाव एक से सात दिन पुराने थे। उसे 86 बाहरी चोटें लगी थीं।

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