नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लंदन पहुंचे. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूके की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ ब्रेकफ़ास्ट पर मिलेंगे. साथ ही महारानी एलिजाबेथ से भी उनकी मुलाक़ात होगी. ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने यहां हीथ्रो हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की. जॉनसन ने कहा कि वह भारत तथा ब्रिटेन के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार को लेकर उत्साहित हैं और यह यात्रा ‘वृहद आर्थिक लाभ ’ का मार्ग निर्मित करने में सहायक होगी. जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘हमारे साझा इतिहास को धन्यवाद है , हमारे बीच जीता जागता सेतु है ….. और अब हम अतुल्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र निर्मित करना चाहते हैं जहां भारत और ब्रिटेप एकसाथ ऊंचाइयों को छू रहे हैं.’ मोदी का यहां अतिव्यस्त कार्यक्रम हैं, जिसमें सबसे पहले वह 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रधानमंत्री टेरीजा मे के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इस दौरान दोनों के बीच अलगावाद , सीमा पार आतंकवाद , वीजा तथा आव्रजन सहित साझा हितों के अनेक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. अवैध शरणार्थियों को वापस भेजने वाले वाले एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आधिकारिक तौर पर नवीनीकरण किया जाएगा इस एमओयू की अवधि 2014 को समाप्त हो गई थी.
इसके बाद मोदी लंदन में साइंस म्यूजियम में आयोजित ‘5000 इयर्स ऑफ साइंस एंड इनोवेशन ’ प्रदर्शनी में शिरकत करेंगे. इस दौरान वे भारतीय मूल के लोगों , वैज्ञानिकों और नवोन्मेषियों से बातचीत करेंगे. प्रिंस चार्ल्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में न्यू आयुर्वेदिक सेंटर फॉर एक्सिलेंस का उद्घाटन किया जाएगा.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वीडेन के प्रधानमंत्री स्टीफेन लोफवेन के द्विपक्षीय सम्मेलन के बाद संयुक्त कार्रवाई योजना, नवाचार साझेदारी पर हस्ताक्षर किए. लोफवेन के साथ बैठक के बाद, मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “स्वीडेन शुरुआत से ही मेक इन इंडिया कार्यक्रम में मजबूत योगदानकर्ता रहा है और याद दिलाते हुए कहा कि स्वीडेन के प्रधानमंत्री वर्ष 2016 में मुंबई में हुए मेक इन इंडिया सम्मेलन में खुद बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां आए थे.”उन्होंने कहा, “एक और चीज जिसमें हम सहमत हुए हैं कि हमारे संबंध की महत्ता क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर परिलक्षित होनी चाहिए. हम अंतर्राष्ट्रीय मंच पर करीब से सहयोग कर रहे हैं और यह आगे भी जारी रहेगा.” मोदी ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान यूरोप और एशिया में हुए विकास पर भी चर्चा हुई.
वहीं, स्वीडन के प्रधानमंत्री लोफवेन ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि स्वीडन और भारत एक बेहतरीन जोड़ी (परफेक्ट मैच) बनाएंगे. उन्होंने कहा, “भारत अभूतपूर्व आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और स्वीडेन के पास इस संबंध में कई नए उपाय हैं.” लोफवेन ने कहा, “मैं इस बात की घोषणा कर काफी खुश हूं कि स्वीडेन सरकार स्मार्ट शहर और सस्टेनिबिलिटी के क्षेत्र 5.9 करोड़ डॉलर मुहैया कराकर भारत के साथ नवाचार सहयोग करेगी.” इससे पहले दिन में, मोदी ने स्वीडेन के राजा किंग कार्ल 16वें गुस्ताफ से रॉयल पैलेस में मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने पर अपने विचार साझा किए. इसके अलावा मोदी और लोफवेन स्वीडन के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ एक गोलमेज बैठक में शिरकत करेंगे. मोदी यूरोप के तीन देशों के अपने दौरे के पहले चरण में सोमवार को स्वीडेन पहुंचे। यहां से वह ब्रिटेन और जर्मनी जाएंगे.