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लागत के लिहाज से सस्ता पड़ेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, कारण बताया केंद्रीय मंत्री ने

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई के बीच प्रस्तावित राजमार्ग के नए रूट से परियोजना की जमीन अधिग्रहण लागत 20,000 करोड़ रुपये तक कम होगी. इसके तहत यह राजमार्ग पिछड़े व अविकसित इलाकों से होकर गुजरेगा. इसके साथ ही प्रस्तावित परियोजना से इन दो महानगरों के बीच यात्रा दूरी भी 125 किलोमीटर कम होगी. मंत्री ने एक कार्यक्रम के अवसर पर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली व मुंबई के बीच मौजूदा राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण लागत सात करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर है. नयी मार्गरेखा में यह लागत घटकर 70 से 80 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर रह जाएगी.
सरकार की दिल्ली व मुंबई को जोड़ने वाला एक नया एक्सप्रेसवे राजमार्ग एक नये रूट से बनाने की योजना है. इसकी लागत एक लाख करोड़ रुपये आएगी.

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, नये दिल्ली मुंबइ एक्सप्रेसवे राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण लागत 16,000 से 20,000 करोड़ रुपये कम रहेगी. नया रूट दिल्ली की रिंग रोड से जयपुर, जयपुर से सवाई माधोपुर व वहां से वडोदरा होते हुए मुंबई पहुंचेगा.
गडकरी ने ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन आफ इंडिया के इस कार्यक्रम में कहा कि नये एक्सप्रेसवे राजमार्ग से इन दोनों महानगरों के बीच यात्रा दूरी 125 किलोमीटर कम होगी और कार से यह दूरी 11 घंटे में तय की जा सकेगी. उन्होंने कह कि वडोदरा से मुंबई के बीच के हिस्से को 44,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और इसके लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं. काम महीने भर में शुरू होने की उम्मीद है.

मंत्री ने कहा कि नये एक्सप्रेस राजमार्ग से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश के सामाजिक रूप से पिछड़े इलाकों के विकास की राह खुलेगी.

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