अहमदाबाद
सूरत के कसीम स्टिंबरवाला और उबैद मिर्जा को अक्टूबर 2017 में गुजरात के ऐंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था। उन पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े होने का आरोप था। एटीएस के एक सूत्र के मुताबिक वे मुंबई के कोलाबा में एक यहूदी पूजनालय और नरीमन हाउस पर हमले की कथित तौर पर तैयारी कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक उन दोनों की योजना अहमदाबाद के खमासा स्थित एक यहूदी पूजनालय पर हमली की भी थी। नरीमन हाउस को 2008 के मुंबई हमलों के दौरान लश्कर-ए-तैयबा अपना निशाना बना चुका है। एटीएस अधिकारियों के मुताबिक दोनों आरोपियों ने दिल्ली, लखनऊ, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और सूरत में लगभग 10 जगहों से अवैध हथियार हासिल करने की कोशिश की।
अधिकारियों ने बताया कि गवाहों के मुताबिक दोनों आरोपियों ने सूरत में अवैध हथियार जमा कर रखे थे। सूत्रों के मुताबिक एटीएम कुछ ही दिन में 1500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट अंकलेश्वर कोर्ट में जमा करेगी। एटीएस ने 100 से भी अधिक गवाहों के बयान लिए हैं।
गुजरात एटीएस ने जमैका को भी खत लिखा है। दोनों आरोपियां का प्लान घटना के बाद जमैका भागने का था। वहीं इनका गुरु अबदुल्ला अल फैजल रहता है। एक अधिकारी ने बताया कि फैजल ने इन दोनों को भड़काऊ बातें कर ऐसा काम करने के लिए उकसाया था।
स्टिंबरवाला अंकलेश्वर में एक ट्रस्ट के अस्पताल में काम करता था। अपनी गिरफ्तारी से 20 दिन पहले ही उसने इस्तीफा दिया था। वहीं, उबैद पेशे से वकील था और सूरत में होटेल का बिजनस करता था।