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पहले प्रयास में बना चार्टड अकाउंटेंट, फिर 24 साल की उम्र में ही 100 करोड़ का बिजनेस त्याग बन गया जैन भिक्षु

अहमदाबाद: अमूमन 24 साल की उम्र का इंसान भोग-विलास और आरामदायक जीवन जीने की ख्वाहिश रखता है. मगर गुजरात के एक 24 वर्षीय चार्टेड अकाउंटेंट ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो आज के समय में निश्चित तौर पर हैरान करने वाला है. एक समृद्ध परिवार से संबंध रखने वाले चार्टड अकाउंटेंट ने साधुत्व को गले लगा लिया. हैरान करने वाली बात है कि जैन मुनि बनने के लिए उसने अपने करियर और करीब सौ करोड़ के फैमिली बिजनेस को भी त्याग दिया.

दरअसल, 24 वर्षीय मोक्षेश शेठ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनने के बाद दो साल तक अपने फैमिली बिजनेस को कामयाबी से चलाया. वह इस बिजनेस में काफी सफल रहे. गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक समारोह में उन्होंने इसे सब कुछ दिया और वह जैन भिक्षु बन गये. इसका मतलब है कि भिक्षु बनने के बाद मोक्षेश शेठ अब आरामदायक जीवन का नहीं आनंद ले पाएंगे और उन्हें अन्य व्यक्ति से भावनात्मक रूप में अलग रहना होगा.मोक्षेस के चाचा गिरिश शेठ ने कहा कि ‘मुंबई स्थित बिजनेसमैन संदीप सेठ के बड़े बेटे मोक्षेस आज से करुणप्रेमविजय जी के नाम से जाने जाएंगे.’

गौरतलब है कि मोक्षेश का परिवार मूल रूप से गुजरात के बनसकंठा जिले के देसा शहर का रहने वाला है, मगर अब उनकी पूरी फैमिली मुंबई में बस गई है. उनका परिवार एल्यूमीनियम व्यवसाय में है और खास बात है कि मोक्षेश अपने पहले प्रयास में ही चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गये थे और उसके बाद उन्होंने अपने व्यवसाय को संभाला था.: 21 अप्रैल, 2018 7:58 AM
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पहले प्रयास में बना चार्टड अकाउंटेंट, फिर 24 साल की उम्र में ही 100 करोड़ का बिजनेस त्याग बन गया जैन भिक्षु
जैन भिक्षु बननेवाले मोक्षेश शेठ (फाइल फोटो)अहमदाबाद: अमूमन 24 साल की उम्र का इंसान भोग-विलास और आरामदायक जीवन जीने की ख्वाहिश रखता है. मगर गुजरात के एक 24 वर्षीय चार्टेड अकाउंटेंट ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो आज के समय में निश्चित तौर पर हैरान करने वाला है. एक समृद्ध परिवार से संबंध रखने वाले चार्टड अकाउंटेंट ने साधुत्व को गले लगा लिया. हैरान करने वाली बात है कि जैन मुनि बनने के लिए उसने अपने करियर और करीब सौ करोड़ के फैमिली बिजनेस को भी त्याग दिया.

दरअसल, 24 वर्षीय मोक्षेश शेठ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनने के बाद दो साल तक अपने फैमिली बिजनेस को कामयाबी से चलाया. वह इस बिजनेस में काफी सफल रहे. गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक समारोह में उन्होंने इसे सब कुछ दिया और वह जैन भिक्षु बन गये. इसका मतलब है कि भिक्षु बनने के बाद मोक्षेश शेठ अब आरामदायक जीवन का नहीं आनंद ले पाएंगे और उन्हें अन्य व्यक्ति से भावनात्मक रूप में अलग रहना होगा.

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मोक्षेस के चाचा गिरिश शेठ ने कहा कि ‘मुंबई स्थित बिजनेसमैन संदीप सेठ के बड़े बेटे मोक्षेस आज से करुणप्रेमविजय जी के नाम से जाने जाएंगे.’

गौरतलब है कि मोक्षेश का परिवार मूल रूप से गुजरात के बनसकंठा जिले के देसा शहर का रहने वाला है, मगर अब उनकी पूरी फैमिली मुंबई में बस गई है. उनका परिवार एल्यूमीनियम व्यवसाय में है और खास बात है कि मोक्षेश अपने पहले प्रयास में ही चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गये थे और उसके बाद उन्होंने अपने व्यवसाय को संभाला था.

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टिप्पणियां गौरतलब है कि शुक्रवार को गुजरात में ही एक और करोड़पति हीरा व्यापारी का 12 वर्षीय बेटा भव्य शाह आज जैन भिक्षु बन गया. जैन समुदाय की परंपरा के मुताबिक उनके भिक्षु बनने की पूर्व संध्या पर शहर में एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई. भिक्षु बनने से पहले भव्य ने कहा कि वह अपना ‘आरामदायक जीवन ’ छोड़ने को लेकर खुश हैं.

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