मुंबई
वसई तालुका में आरटीआई के नाम पर रंगदारी मांगने के मामले में राजनेताओं के बाद अब अफसरों पर गाज गिरी है। शनिवार की सुबह एक बिल्डर से 25 लाख रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में विरार पुलिस ने वसई-विरार शहर महानगर पालिका के सहायक आयुक्त प्रेमसिंह जाधव को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि गिरफ्तार सहायक आयुक्त जाधव शिवसेना नगरसेवक धनंजय गावडे द्वारा दाखिल आरटीआई के माध्यम से बिल्डरों की सेटिंग (सेटलमेंट) करवाता था, जिसमें उसकी भी हिस्सेदारी होती थी। ऐसे ही गावडे द्वारा डाली गई एक आरटीआई के लिए जाधव ने बिल्डर से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। बिल्डर ने उसी वक्त जाधव को 5 लाख रुपये उसके ऑफिस में दिए थे। बाकी की रकम देने के लिए जाधव ने बिल्डर को गावडे के अन्य दो लोगों का परिचय भी दिया था।
18 मामले हैं दर्ज
गौरतलब है कि वसई- विरार में रंगदारी के अब तक कुल 18 मामले दर्ज हो चुके हैं। शिवसेना नगरसेवक धनंजय गावडे पर वर्तमान में नौ तो उसके साथी बीजेपी नेता अरुण सिंह पर तीन मामले दर्ज हो चुके हैं। गावडे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है जबकि अरुण सिंह सहित कई लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। फिलहाल पुलिस धारा 384, 386 और 34 के तहत मामला दर्जकर आरोपी जाधव से पूछताछ कर रही है।
क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार, विरार पश्चिम निवासी धर्मेश अरविंद गांधी (साई रिदम बिल्डर्स के मालिक) का पूर्व के मनवेलपाडा में सर्वे क्रमांक 143 हिस्सा नंबर 2,6,7,9 10 में 2016 में इमारत का बांध काम चल रहा था। उस दौरान शिवसेना नगरसेवक धनंजय गावडे ने इमारत के वैध कागजातों के संबंध में आरटीआई डाल दी। उस वक्त उस क्षेत्र में प्रेमसिंह जाधव सहायक आयुक्त पद पर कार्यरत थे। जाधव ने 24 अक्टूबर 2016 को गावडे द्वारा डाली गई आरटीआई के लिए गांधी से 25 लाख रुपये की मांग की। मामले की शिकायत गांधी ने शुक्रवार की देर रात विरार पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज करते ही शनिवार की सुबह जाधव को गिरफ्तार कर लिया।