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शिवसेना की बेरुखी के चलते बीजेपी ने गठबंधन की कोशिशें रोकीं

मुंबई
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शिवसेना के साथ गठबंधन की कोशिशें फिलहाल रोक दी हैं। शिवसेना के 2019 लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के ऐलान को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है। बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतिवार को पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव में शिवसेना से गठबंधन की बातचीत करने का जिम्मा सौंपा था।
पिछले हफ्ते मुंगंतिवार जब शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से मिलने वाले थे, तब उन्हें बताया गया कि ठाकरे उपलब्ध नहीं हैं। इससे पहले की दूसरी मीटिंग का समय तय हो पाता, महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर निकले ठाकरे ने बयान दिया कि उनकी पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। इससे बीजेपी में नाराजगी है। इसलिए उसने फिलहाल शिवसेना के साथ गठबंधन की बातचीत नहीं करने का फैसला किया है। मुंगंतिवार ने हमारे सहयोगी इकॉनम‍िक टाइम्‍स को बताया, ‘गठबंधन दो पार्टियों के बीच होता है। यह सिर्फ एक पार्टी के चाहने से नहीं हो सकता।’ यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना के बिना भी बीजेपी को 2019 में सत्ता में आने का भरोसा है, मुंगंतिवार ने कहा, ‘बिल्कुल। हमने 2014 का चुनाव भी अकेले लड़ा था और सत्ता में आए।
कांग्रेस-एनसीपी के 2019 चुनाव साथ मिलकर लड़ने की चर्चा के बीच बीजेपी की तरफ से शिवसेना के साथ गठबंधन की पहल हो रही थी। 2014 में बीजेपी व शिवसेना और कांग्रेस व एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। अगर कांग्रेस और एनसीपी साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ती हैं, तो बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में बीजेपी को कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना का मुकाबला करना होगा।

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