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भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी पर अड़ा विपक्ष

मुंबई. संभाजी भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को विपक्ष आक्रामक नजर आया। विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार को घेरा। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा के तीन महीने बाद भी संभाजी भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सरकार को इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। विखे पाटील ने कहा- क्या मिलिंद एकबोटे की तरह संभाजी भिड़े गुरुजी को भी अदालत के आदेश के बाद ही गिरफ्तार किया जाएगा। इस दौरान विखेपाटील ने रत्नागिरी के खेड में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के अपमान का भी मुद्दा भी उठाया। विखेपाटील ने इस मामले में रत्नागिरी के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राकांपा के जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि फरार संभाजी भिड़े गुरुजी तीन-तीन बार संवाददाता सम्मेलन करते हैं। इसके बावजूद सरकार उन्हें पकड़ नहीं पाती। गृहराज्य मंत्री डॉ. रणजीत पाटील ने भीमा कोरेगांव और खेड मामले में कार्रवाई का भरोसा दिया। सरकार के ससुर हैं क्या
– वहीं विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य भाई जगताप ने कहा कि संभाजी भिड़े सरकार के ससुर लगते हैं क्या? जगताप ने कहा कि संभाजी का असली नाम मनोहर है। वह संभाजी नाम लगाकर घूमते हैं। जगताप ने कहा कि मैंने सदन में हिंसा मामले के दूसरे आरोपी मिलिंद एकबोटे को सरकार का दामाद कहा था तो सरकार को बुरा लगा था। लेकिन अदालत की फटकार के बाद एकबोटे की गिरफ्तारी हुई।

-विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि हिंसा मामले को तीन महीने होने आए हैं। लेकिन अभी तक संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

क्यों घबरा रही सरकार

– पीआरपी के सदस्य जोगेंद्र कवाड़े ने कहा कि हिंसा मामले की सदन में हुई चर्चा के जवाब के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संभाजी भिड़े का नाम तक नहीं लिया। आखिर सरकार उनकी गिरफ्तारी को लेकर क्यों घबरा रही है?

– इसके जवाब में सदन के नेता व प्रदेश के राजस्व मंत्री राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि सदन में सदस्य अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं लेकिन सदस्यों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सड़कों पर आंदोलन करने वाले लोगों की भावना न भड़के। पाटील भी संभाजी भिड़े का नाम लेने से बचते नजर आए।
– भारिप नेता प्रकाश आंबेडकर ने आरोप लगाया है कि संभाजी भिड़े गुरुजी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बचा रहे हैं। आंबेडकर ने सरकार को आठ दिन का अल्टीमेटम दिया है। आंबेडकर ने कहा कि अगर संभाजी भिड़े को इस दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सोमवार को आजाद मैदान पर हुए यल्गार मोर्चे को संबोधित करते हुए आंबेडकर ने कहा कि अगर भिड़े के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती तो पुलिस स्टेशन बर्खास्त कर देना चाहिए।

– उन्होंने कहा कि भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कौन सा मामला कब उठाना है हमें यह अच्छी तरह पता है। आंबेडकर ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में भिड़े पहले नंबर के आरोपी हैं जबकि नंबर मिलिंद एकबोटे दूसरे नंबर के आरोपी हैं। अगर दूसरे नंबर के आरोपी पर कार्रवाई हो रही है तो पहले नंबर के आरोपी पर क्यों नहीं? आंबेडकर ने भायखला से विधानभवन तक मोर्चा निकालने का ऐलान किया था लेकिन पुलिस से इजाजत न मिलने के बाद आजाद मैदान में इकठ्ठा होकर भारिप सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया।

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