लखनऊ
कांग्रेस यदि गठबंधन का हिस्सा नहीं बनी, तो भी एसपी-बीएसपी उसके लिए दो सीटें छोड़ेंगी। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीट बंटवारे की कसरत में जुटी दोनों पार्टियों ने तय किया है कि रायबरेली और अमेठी सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगी। फिलहाल एसपी-बीएसपी 78 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे रही हैं।एसपी और बीएसपी 2019 में साथ मिलकर लड़ने का ऐलान पहले ही कर चुकी हैं। कौन कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा, इसका ऐलान अभी नहीं किया गया है। दोनों के बीच सीट बंटवारे का पहला आधार पिछले चुनाव का प्रदर्शन ही है। फिर भी हालिया नगर निकाय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन और गोरखपुर-एवं फूलपुर में समर्थन से एसपी को सीट जिताने के बाद मायावती ने यह संदेश दे दिया है कि उनके वोटर अब भी एक इशारे पर वोट कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में बीएसपी का पलड़ा भारी है। मायावती लगातार यह भी इशारा करती रही हैं कि वह गठबंधन करेंगी तो उन्हें सम्मानजक सीटें चाहिए। वहीं अखिलेश भी राज्यसभा में बीएसपी की हार के बाद कह चुके हैं कि समाजवादी बड़े दिल वाले हैं। मौका आने पर जो कर सकते हैं करेंगे। इससे साफ है कि बीएसपी ज्यादा सीटें चाहेगी और अखिलेश भी कुछ समझौता करने को तैयार हैं।
कांग्रेस के लिए दूसरा विकल्प भी तैयार
फिलाहल गठबंधन के लिए एसपी-बीएसपी की कांग्रेस से कोई ठोस बात नहीं हुई है। फिर भी बीजेपी विरोध और भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए दोनों दल कांग्रेस के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाहते हैं। यही वजह है कि दोनों पार्टियां रायबरेली और अमेठी में अपना प्रत्याशी नहीं उतार रहीं। सूत्रों का कहना है कि अभी लोकसभा चुनाव में वक्त है। तब तक परिस्थितियां बदल भी सकती हैं। यही वजह है कि दोनों दलों ने दूसरा विकल्प भी छोड़ रखा है। यदि गठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल करना पड़ा तो 15 सीटें उसके और अन्य छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी जा सकती हैं।