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2000 करोड़ के हवाला केस का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

मुंबई
शहर के सबसे बड़े हवाला ऑपरेटर्स में से एक मोहम्मद फारूक उर्फ फारूक शेख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को 2,253 करोड़ रुपये के मनी लॉन्डरिंग केस में गिरफ्तार कर लिया। मामले में शेख की कंपनी स्टेलकॉन इन्फ्राटेल प्रा. लि. का नाम संलिप्त है। यह कंपनी फारूक की 160 शेल कंपनियों में से एक है जिसका एक कमरे का ऑफिस झावेरी बाजार में स्थित है। फारूक जांच एजेंसियों के रडार पर 2014 से था। अधिकारियों का कहना है कि उसका अडंरवर्ल्ड से भी संपर्क है। डायरेक्टरट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2016 में ईडी को रिपोर्ट दी थी और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट के तहत ऐक्शन लेने के लिए मांग की थी।

बैंक वालों पर भी शक
पिछले साल मई में सीबीआई ने एक केस रजिस्टर किया था जिसमें बैंक अधिकारियों के घोटाले में मिले होने का शक जाहिर किया गया था। बाद में ईडी ने उन्हीं आरोपियों पर मनी लॉन्डरिंग केस दर्ज किया। जांच के दौरान पता चला कि स्टेलकॉन ऐसी ही एक कंपनी थी जिसमें हवाल ट्रांजैक्शन किए गए थे।

उसने 160 कंपनियां खोली थीं जिनमें से एक का निदेशक एक ऑटो चालक था। इन सभी का फर्जी इंपोर्टर-एक्सपोर्टर कोड था। ईडी अधिकारियों ने बताया कि फारूक ने कोऑपरेटिव बैंकों में क्लाइंट्स से आया पैसा जमा किया। कई बार ट्रांजैक्शन करने का बाद राष्ट्रीकृत बैंक के अपने खातों में पैसे डाल लिए। फिर फर्जी दस्तावेजों के जरिये पैसों की निकासी की।

जांच में पता चला कि बैंकों ने भी किसी अकाउंट या ट्रांजैक्शन की जांच नहीं की। फर्जी बिलों को भी मान लिया गया। कई बार एक ही बिल दिखाकर कई बार पैसे बी निकाले गए।

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