मुंबई
महाराष्ट्र के गठन के वक्त अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र हाउसिंग ऐंड एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के घर देने का वादा किया था। हालांकि, अभी तक केवल दो लोगों को ये घर दिए जा सके हैं। कारण है कि अभी तक 104 शहीदों के परिजनों का पता नहीं लगाया जा सका है।
जानकारी के मुताबिक, म्हाडा ने इन घरों को शहीदों के वारिसों को देने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। 2012-13 में राज्य सरकार ने 106 शहीदों के परिवारों को म्हारा के घर देने का फैसला किया था।इसके लिए पहले फेस में 25 घरों को रिजर्व किया गया और शहीदों के परिजनों की तलाश शुरू की गई।
शुरुआती तौर पर 23 परिवारों के बारे में जानकारी मिली लेकिन अंत में केवल 2 पात्र परिवार ही मिल सके। डॉक्युमेंट्स की जांच और बाकी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन दो परिवारों को घर दे दिए गिए। बाकी परिवारों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इसलिए मुंबई पुलिस के एसएसपी संजय भागवत ने बुधवार को सोशल मीडिया की मदद लेनी शुरू की।
जारी किया गया ऑडियो मेसेज
संजय भागवत ने एक ऑडियो मेसेज के जरिए कहा है, ‘अगर आपको शहीदों के इन परिवारों के बारे में कोई भी जानकारी है तो कृपया म्हाडा से 9422993333 पर फोन करके संपर्क करें। इस जानकारी को सभी ग्रुप्स में फॉरवर्ड करें। शायद इससे हम शहीदों के परिजनों को ढूंढ सकें।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मेसेज के बाद सतारा, कोल्हापुर और डोंबिवली से कुछ फोन भी आने लगे हैं और उन्हें म्हाडा के पास ऐप्लिकेशन फाइल करने के लिए कहा जा रहा है। भागवत ने कहा कि इसके बाद सारी जांच करने के बाद घर दे दिए जाएंगे।