मुंबई
राज्य मानवाधिकार आयोग ने बाबासाहब आंबेडकर म्यूनिसिपल जनरल हॉस्पिटल (शताब्दी हॉस्पिटल) से तीन मरीजों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है। इन तीनों मरीजों को पिछले साल अस्पताल में इलाज के दौरान चूहे ने काटा था जिसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा था। आयोग ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार मानते हुए अस्पताल से तीनों को मुआवजा देने को कहा है जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसा न हो। मानवाधिकार आयोग ने बीते साल सामने आए इन मामलों को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर फौरन संज्ञान में लिया था। आयोग ने इस बात पर हैरानी जताई थी कि अस्पताल मरीजों को इलाज के लिए स्वस्थ और साफ-सुथरा परिसर देने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहा था।
यह आदेश 27 अप्रैल को महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के सदस्य एमए सईद ने दिया है। सईद ने इसमें उन तीन मरीजों का जिक्र किया जिन्हें इलाज के दौरान चूहों के काटने की बात सामने आई थी। इनमें से एक प्रमिला नेरुलकर की मौत हो चुकी है। अगर अस्पताल का संचालन करने वाली बीएमसी यह रकम नहीं चुकाती तो उसपर हर साल 12.5 प्रतिशत की दर से ब्याज लगता जाएगा।
बता दें, बीते साल अक्टूबर में अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर पर इलाज करवा रहे मरीज की एक आंख में चूहे ने काट लिया था। कुछ दिनों बाद एक और मरीज के पैर में चूहे के काटने की बात सामने आई थी। इसके विरोध में बीजेपी नेता बीएमसी जनरल बोर्ड की मीटिंग में पिंजड़े में चूहा लेकर पहुंच गए थे। आरोप था कि अस्पताल के आईसीयू तक में चूहे दौड़ लगाते रहते हैं।