मुंबई
राज्य सरकार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तमाम विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए यह खबर खुशी देने वाली है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से इन स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय बोर्ड की शुरुआत हो रही है। गौरतलब है कि इन स्कूलों में ज्यादातर विद्यार्थी गरीब और पिछड़े तबकों के होते हैं, जिनके पाठ्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पढ़ाई शामिल नहीं होती थी। राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के स्कूलों को लेकर बड़ा ऐलान किया है, जो राज्य में इन विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देगा। 13 मराठी स्कूलों का चयन
पहले चरण में सभी विभाग के जिला परिषद के 13 मराठी स्कूलों का चयन किया जा चुका है। अब इन स्कूलों में मराठी के साथ ही अंग्रेजी और अन्य विषय पढ़ाए जाएंगे। इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए 70 शिक्षकों का चयन भी कर लिया गया है। इन शिक्षकों को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकारी स्कूलों से दूरी बनाने वाले अभिभावकों में अपने बच्चों को अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के स्कूल में पढ़ाने के लिए होड़ लगेगी।
ओजस अंतरराष्ट्रीय स्कूल शुरू किए जा रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूल खोलने के लिए गठित समिति की बैठक के बाद गुरुवार को शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देने के लिए जून से 13 ओजस अंतरराष्ट्रीय स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। अगले शैक्षणिक वर्ष से 100 अंतरराष्ट्रीय स्कूल खोले जाएंगे। ये स्कूल ‘लोकल टू ग्लोबल’ और ‘नोन टू अननोन’ उद्देश्य को ध्यान में रखकर शुरू किए जा रहे हैं। ज्ञान, अभिवृत्ति, उपयोजना, कौशल्य और आदत ये 5 पहलू पाठ्यक्रम के आधारस्तंभ हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए चयनित शिक्षकों को 22 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सिंगापुर जापान की तर्ज पर पढ़ाई
राज्य के अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के स्कूल में सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और जापान की तर्ज पर पढ़ाई होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा क्षेत्र में अग्रसर सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और जापान जैसे देश की शिक्षा पद्धति का अध्ययन करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में इन 13 स्कूलों में पढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद राज्य में इन्हीं स्कूलों के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के स्कूल खुलेंगे।
पहली से तीसरी कक्षा के पाठ्यक्रम तैयार
प्रायोगिक तौर पर कक्षा पहली से तीसरी तक का पाठ्यक्रम पूर्ण कर लिया गया है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अगली कक्षाओं का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। सरकार ने पहले ही इन स्कूलों के स्वतंत्र और स्वायत्त अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना की है।
स्कूल की विशेषता
-सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और जापान की शिक्षा पद्धति
-एनसीईआरटी और एससीईआरटी का अध्ययन कर पाठ्यक्रम तैयार
-पाठ्यक्रम में साक्षरता, पठन, लेखन, संभाषण, श्रवण, गणन, वित्त, कला, शारीरिक शिक्षा और पर्यावरण विज्ञान का समावेश