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चेन्नै में डिफेंस एक्सपो 2018 के समय भारतीय टैंक

मुंबई
ठाणे नगर निगम ने स्थानीय अदालत से निजी भूखंड पर ठोस कचरा डालने की इजाजत नहीं मिलने संबंधी आदेश को बंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन यहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। न्यायमूर्ति मृदुला भटकर ने कहा कि जब ठाणे की एक जिला अदालत और एक न्यायाधीश का यह मानना है कि निगम उक्त स्थल पर ठोस कचरे को गैरकानूनी ढंग से डाल रहा है तो फिर नगर निकाय उस मुकदमेबाजी में क्यों उलझा हुआ है। न्यायमूर्ति ने इसके लिए निकाय को फटकार भी लगाई। पिछले हफ्ते के आदेश में न्यायमूर्ति भटकर ने नगर निकाय को याद दिलाया कि वह एक ‘सार्वजनिक संस्था’ है और उसे ‘नागरिकों के प्रति अनुकूल रवैया’ अपनाना चाहिए और जनहित का मुद्दा आने पर प्रतिपक्ष को निजी वादी के जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

उच्च न्यायालय नगर निगम की ओर से दायर दूसरी अपील की सुनवाई कर रहा था। यह अपील ठाणे जिला एवं सत्र न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें स्थानीय सिविल न्यायाधीश के पहले के आदेश को बरकरार रखा गया था। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और दो नागरिकों की याचिका पर सिविल न्यायाधीश ने नगर निकाय को उक्त स्थान पर किसी भी तरह का कचरा डालने से रोक दिया था।

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