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IPL के उतार-चढ़ाव से सट्टेबाज कर्ज में डूबे, मुनाफा घटा

उल्हासनगर
आईपीएल के उतार चढ़ाव और पुलिस की कार्रवाई ने उल्हासनगर के सट्टेबाजों की जीना मुहाल कर दिया है। आईपीएल शुरू होने से पहले ठाणे एंटी एक्टॉर्शन सेल प्रमुख प्रदीप शर्मा की दहशत के चलते ठाणे जिले के बड़े सटोरियों सहित छोटे-मोटे सटोरिये भी भूमिगत हो गए थे। एक बड़े सटोरिये के मुताबिक, मैच के शुरुआती दौर का आईपीएल बुकियों के पक्ष में चल रहा था, मगीर अचानक टॉप-टेन की फेवरेट टीम के ऊपर लगाने वाला घोडा उड़ने लगा। मैच का यह घोड़ा तब उड़ रहा था, जब दो बड़े बैट्समैन क्रीज पर 15-16 बॉल पर 50 से 60 रनों की पारी खेलकर फेवरेट टीम को अचानक उड़ा ले जा रहे थे। ऐसे में पंटरों का उनकी फेवरेट टीम पर ‘लगाया और खाया’ का लाखों रुपये के एमाउंट का बुकियों को ऊपर के बुकियों के पास कटिंग करने का मौका ही नही मिल रहा था। नतीजतन इस आईपीएल मैच ने बुकियों को कर्ज के बोझ तले दबा दिया।

क्यों फायदेमंद नहीं रहा सट्टे का धंधा
हर मैच की हार-जीत पर तो सट्टा लगता ही है, इस बात पर भी सट्टा लगता है कि फलां टीम पांच ओवर और दस ओवरों में कितने रन बनाएगी। मैच पर बड़ा सट्टा लगा चुके पंटर इन रनों पर पर पैसे लगाते हैं। कई बार पूरे मैच पर एक-तरफ सट्टा लगा चुका पंटर सुरक्षा के तौर पर दूसरी तरफ इन ओवरों पर बिल्कुल उलटी तरफ सट्टा लगा चुका होता है। फिर एक पंटर केवल एक सटोरिये के यहां पैसे नहीं लगाता। कई जगह बांटकर लगाने पर उसका उतना नुकसान नहीं हो पाता। पंटर कहीं मैच के सट्टे पर जीता, तो उसकी कमाई हर तरफ हुए नुकसान को कवर कर लेती है। चूंकी पैसे लगाने वाले पंटरों की जेब से पैसे जा नहीं रहे, तो सट्टे का धंधा चला रहे सटोरियों को उस तरह का मुनाफा नहीं हो पाता, जैसे पहले हुआ करता था।

सट्टेबाज मह‍िलाओं को म‍िली जमानत
उल्हासनगर में रविवार की रात किंग इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल के बीच चल रहे आईपीएल मैच का उल्हास स्टेशन रोड स्थित रामदेव अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर 501 में कुछ लोग सट्टेबाजी के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। इसकी सूचना मिलते ही सेंट्रल पुलिस ने उस फ्लैट में छापा मारकर सोनू प्रकाश शौकीन,वीरू वनोमाल सत्या,शीतल मोटवानी,कांचन दुसेजा, पूजा विनोद आहूजा तथा सुनील धनराजानी को गिरफ्तार कर लिया। परंतु गिरफ्तार आरोपियों पर पुलिस ने वैलेबल अफेन्स के तहत मामला दर्ज किया, जिसकी वजह से सट्टेबाजों को तत्काल जमानत मिल गयी।

सट्टा बुक‍ियों की दुकान बंद
बुकी सूत्रों के मुताबिक छोटे-मोटे बुकी का, जिनकी सिर्फ 4-5 लाख कैपिसिटी की पूंजी थी, धंधा बंद हो गया। बड़े बुकी लाखों-करोड़ों हारने के बाद भी उम्मीद लगाकर बैठे है कि आज नहीं तो कल मैच बिना उलटफेर के सीधे चलेगी। इसी उम्मीद के चलते बुकी अपना मकान, दुकान, आलीशान गाड़ियां तक गिरवी रख कर अपने पंटरो से रोजमर्रा का लेन-देन कर रहे हैं।

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