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हिमांशु रॉय ने इसी हफ्ते सभी रिश्तेदारों को बुलाकर कहा था, ‘आई लव यू’

मुंबई
मुंबई के बेहद सख्त मिजाज के पुलिस अफसर हिमांशु रॉय + की खुदकुशी हर किसी को हैरान कर रही है। कैंसर से जूझ रहे रॉय ने मुंह में रिवॉल्वर रखकर शुक्रवार दोपहर खुद को गोली मार दी थी। महकमे में ‘सिंघम’ की छवि वाले इस दबंग अधिकारी के रिश्तेदारों के बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वह खुदकुशी का मन काफी पहले ही बना चुके थे। ‘सभी रिश्तेदारों को पास बुलाया था’
रॉय के परिवार के लोगों के अनुसार, ‘इस हफ्ते उन्होंने मुंबई के अपने सभी दोस्तों और परिवार के लोगों को बुलाया था और उनसे कहा था- आप सबसे मैं प्यार करता हूं और आप सबको जोर से गले लगाना चाहता हूं।’छोड़ा 6 लाइन का सूइसाइड नोट
अपने 6 लाइन के सूइसाइड नोट में उन्होंने कैंसर के खिलाफ अपनी जंग के बारे में लिखा। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि वह अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते हैं। खुदकुशी से पहले वे आखिरी पल
हिमांशु रॉय ने जिस समय खुदकुशी की, उस समय उनकी पत्नी भावना लिविंग रूम में मौजूद थीं। कफ परेड पुलिस के मुताबिक दोपहर 1 बजे हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस नरीमन पॉइंट के सुरूचि अपार्टमेंट स्थित उनके घर पर पहुंचीं।

कुर्सी पर बैठे और….
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हिमांशु रॉय कुर्सी पर बैठे हुए थे। तभी उन्होंने रिवॉल्वर मुंह में डालकर खुदकुशी कर ली। उनकी पत्नी उन्हें अपने ड्राइवर्स की मदद से बॉम्बे हॉस्पिटल ले गईं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।’

सिर के ठीक ऊपर जख्म
बॉम्बे हॉस्पिटल में रॉय के शव का निरीक्षण करने वाले डॉक्टर के मुताबिक गोली का जख्म ठीक उनके सिर के ऊपर दिखाई दे रहा था। बॉम्बे हॉस्पिटल के कंसल्टेंट फिजिशन डॉक्टर गौतम भंसाली के मुताबिक, ‘उन्हें जब लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। वह अपने पूर्व के डीलडौल के मुकाबले काफी कमजोर दिख रहे थे। उनकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी।’ हिमांशु रॉय के करीबी दोस्त और 2011 से 12 तक मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे अरूप पटनायक ने उन्हें याद करते हुए बताया, ‘हिमांशु कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई पूरी शिद्दत से लड़ रहे थे और मेरे लिए यह यकीन करना मुश्किल है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। मैं हिमांशु को हमेशा एक बेहतरीन दोस्त, ऐथलीट और फिटनेस के लिए क्रेजी इंसान के तौर पर याद करूंगा। हिमांशु एक पारंपरिक कोलाबा का लड़का था, लोग उसके रॉय सरनेम की वजह से उसे बंगाली समझते हैं। उसके पापा भी मुंबई + के जाने-माने डॉक्टर थे और उनका परिवार सालों पहले मुंबई गुजरात से आया था। 3 महीने पहले ही जब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी तो उन्होंने मुझसे एक्सपर्ट से राय लेने के बारे में बताया था।’
पटनायक कहते हैं, ‘एक पुलिस अधिकारी के तौर पर हिमांशु सर्वश्रेष्ठ से भी शायद आगे के अधिकारी थे। जिस राजनैतिक दबाव में उन्होंने पल्लवी पुरकायस्थ और पत्रकार जेडे मर्डर केस की गुत्थी सुलझाई वह अभूतपूर्व है। मेरी नजर में वह बहुत बुद्धिमान, लेकिन हर बारीक चीज पर नजर रखने वाले अधिकारी थे। दबाव के बीच भी वह मुस्कुराते हुए मुझे केस डिटेल देते थे।’

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